
पटना,बिहार म्यूजियम और प्रायणिक की ओर से म्यूजियम के ओरिएंटेशन सभागार में चर्चित कवयित्री श्वेता गजल की पुस्तक का लोकार्पण समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम में श्वेता गजल की तीन पुस्तको का लोकार्पण हुआ। इनमें गजल संग्रह ख्वाहिशों के सैलाब, कविता संग्रह आहट और गद्य मेरी अभिव्यक्ति शामिल है। इस पुस्तक का लोकार्पण साहित्यकार भगवती प्रसाद द्विवेदी ने किया। उन्होंने कहा कि श्वेता गजल के व्यक्तित्व और कृतित्व में मानवीय संवेदनशीलता है। यह श्वेता के गजल रचनाओं में दिखाई देता है। उनके काव्य संग्रह में अंतरात्मा की आवाज आलाप करती है। श्वेता की गजलें छोटी-छोटी टुकड़ों में बड़ी-बड़ी बातें कहने की क्षमता रखती है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रसिद्ध गजलकार अनिरुद्ध सिन्हा शामिल हुए। उन्होंने कहा कि श्वेता गजल के विरासत की जमीन पर लहलता हुआ फसल है। वह गजल की कसौटी पर एकदम खरी उतरती है। कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत श्वेता गजल और त्विशा ने पुष्पगुच्छ और अंग वस्त्र देकर किया। स्वागत भाषण ब्रजेंद्र कुमार सिन्हा ने दिया। वही चर्चित कवि शहंशाह आलम ने कहा कि कलात्मकता और निपुणता श्वेता की गजलों में दिखाई देती है। लेखिका भावना शेखर ने कहा कि श्वेता ने अपनी तीनों पुस्तक के साथ चमत्कारी की है। श्वेता के जीवन हमेशा स्याही से भरी रही है। अध्यक्ष संबोधन में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. जोहार शफियाबादी ने श्वेता के गजलों के लिए कहा कि छू लिया है किसी फनकार के हाथों ने इसे वरना पत्थर भी ताजमहल होता। कार्यक्रम में बिहार सरकार में मंत्री कृष्ण कुमार मंटू, सारण जिला परिषद अध्यक्ष प्रियंका सिंह, कवि आलोक धन्वा, साहित्यकार डॉ. अनीता राकेश समेत कई साहित्यकार एवं साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन पंकज कर्ण और धन्यवाद ज्ञापन कमल नयन श्रीवास्तव ने किया।