
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। रोहतास जिले के सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों का संचालन नियमों की अवहेलना कर हो रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता विशाल कुमार ने इस संबंध में राज्य के मानव संसाधन मंत्री और जिलाधिकारी को एक पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि मान्यता प्राप्त स्कूल सीबीएसई से धोखाधड़ी कर रहे हैं। इसके साथ ही एनओसी प्राप्त करने में भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं. उन्होंने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके। साथ ही अभिभावकों का आर्थिक शोषण रुक सके। उनका कहना है कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूल में एक क्लास रुम का साइज 500 स्क्वायर फीट रहना चाहिए। बच्चों के विकास के लिए एक स्क्वायर मीटर का स्पेश देना जरूरी है। 12वीं तक मान्यता प्राप्त स्कूल के फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायलॉजी के लिए अलग लैब होना चाहिए। कम्पयूटर लैब में कम से कम 20 सिस्टम और उतने छात्रों के लिए एक शिक्षक रहना चाहिए। 800 से ज्यादा बच्चों की क्षमता वाले स्कूल में दो लैब विद्यालय प्रबंधन को रखना अनिवार्य है। इसके अलावा मान्यता प्राप्त स्कूल के लिए क्लास रुम की साइज का एक मैथेमैटिक्स लैब रहना चाहिए।
बच्चों के मानसिक और बौद्धिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों में म्यूजिक, डांस, आर्ट और खेल कुद की गतिविधियों के लिए अलग क्लास रुम या फिर एक मल्टीपर्स हॉल का निर्माण सुनिश्चित किया जाए।
दिव्यांग छात्रों के लिए करनी है विशेष व्यवस्था
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त स्कूलों के लिए अनिवार्य है कि दिव्यांग छात्रों के सुविधा के लिए क्लास रुम और अन्य जरूरी स्थलों पर रैंप का निर्माण किया जाए। लिफ्टों में श्रवण संकेत और अन्य संभावित बुनियादी सुविधाएं जैसी उचित सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए। कम से कम 200 मीटर एथलेटिक्स ट्रैक का निर्माण होना चाहिए। साथ ही कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल आदि के लिए सुविधाएं भी होनी चाहिए। इसके साथ ही 500 छात्रों पर एक फिजिकल एजुकेशन शिक्षक की नियुक्ति, 10वी और 12वीं से मान्यता प्राप्त स्कूलों में स्पेशल एजुकेटर के साथ काउंसलर और वेलनेस टीचर की नियुक्ति बाध्यता है। जिनके पास, साइकोलॉजी, कैरियर काउंसलिंग में पीजी या फिर डिप्लोमा हो।