राम मंदिर से अनुच्छेद 370 तक—प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय
गोविंदा मिश्रा, राजनीतिक विश्लेषक और संपादक, केबी न्यूज
नई दिल्ली |
भारत की राजनीति में कई ऐसे मुद्दे रहे जिन पर वर्षों तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया। कई राजनीतिक दलों के लिए ये मुद्दे “अस्पृश्य” बन चुके थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने ऐसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए, जिन्होंने भारतीय राजनीति की पारंपरिक सोच को बदल दिया।
विपक्ष के कड़े विरोध, चेतावनियों और लगातार राजनीतिक हमलों के बावजूद सरकार विभिन्न मोर्चों पर साहसिक और निर्णायक कदम उठाती रही।
राम मंदिर: सदियों पुराने विवाद का समाधान
अयोध्या आंदोलन दशकों तक देश के राजनीतिक और सामाजिक विमर्श का प्रमुख विषय रहा।
मोदी सरकार के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ और केंद्र सरकार ने इसे धर्म और सांस्कृतिक आस्था से जुड़े महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में आगे बढ़ाया।
अनुच्छेद 370: एक ऐतिहासिक निर्णय
जम्मू–कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 भारतीय राजनीति में वर्षों तक सबसे चुनौतीपूर्ण विषय माना जाता था।
5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने इस अनुच्छेद को हटाकर देश की एकता और प्रशासनिक ढांचे में बड़ा परिवर्तन किया। यह कदम भारत के इतिहास में मील का पत्थर माना जा रहा है।
तीन तलाक कानून: सामाजिक सुधार की दिशा में दृढ़ पहल
तीन तलाक प्रथा के उन्मूलन का मुद्दा वर्षों से उठता रहा था, लेकिन किसी भी सरकार ने इसे निर्णायक रूप से नहीं छुआ।
मोदी सरकार ने महिलाओं के अधिकारों को प्राथमिकता देते हुए तीन तलाक को दंडनीय अपराध घोषित किया और इसे एक बड़े सामाजिक सुधार के रूप में लागू किया।
राष्ट्रीय सुरक्षा: नई नीति और नई प्राथमिकताएँ
सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और ‘ऑपरेशन संदूर’ जैसे मिशनों ने भारत की सुरक्षा नीति में निर्णायक बदलाव का संकेत दिया।
इन कदमों से स्पष्ट हुआ कि भारत अब आतंकवाद और दुश्मन गतिविधियों का जवाब कड़े और त्वरित रूप में देने की रणनीति पर काम कर रहा है।
वक्फ (संशोधन) कानून 2025: पारदर्शिता को नई दिशा
वक्फ कानून में बदलाव को लेकर देशभर में व्यापक राजनीतिक बहस हुई।
विपक्ष ने इसे अल्पसंख्यकों के खिलाफ बताते हुए कड़ा विरोध दर्ज कराया।
वहीं केंद्र सरकार ने इसे वक्फ संपत्तियों के पारदर्शी प्रबंधन और जवाबदेही बढ़ाने वाला कदम बताया।
वर्तमान में यह कानून पूरे देश में लागू है और इसके प्रभाव दिखाई देने लगे हैं।
दिल्ली चुनाव 2025: राजधानी की राजनीति में परिवर्तन
2025 के विधानसभा चुनाव में दिल्ली की राजनीति ने नया मोड़ लिया।
काफी समय तक सत्ता में रही आम आदमी पार्टी को इस बार निर्णायक जनसमर्थन नहीं मिला और बीजेपी ने मजबूती के साथ सरकार बनाई।
राजधानी में यह परिणाम राजनीतिक समीकरणों में बड़े बदलाव का संकेत है।
बिहार चुनाव 2025: विकास केंद्रित राजनीति की जीत
बिहार में एनडीए ने उल्लेखनीय सफलता हासिल की।
विपक्ष की कड़ी आलोचनाओं और आक्रामक प्रचार के बावजूद मतदाताओं ने विकास, स्थिरता और नेतृत्व पर भरोसा जताया।
इस जीत ने बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में नई ऊर्जा भर दी है।
अब नजर बंगाल पर: राष्ट्रीय राजनीति का अगला केंद्र बिंदु
बिहार में जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पश्चिम बंगाल में भी परिवर्तन की संभावना जताई।
टीएमसी ने इन दावों को खारिज किया, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बंगाल अगले बड़े मंथन का केंद्र बनेगा।
आने वाले चुनावों को लेकर पूरे देश में उत्सुकता देखी जा रही है।
