
झांसी : देश में कई ऐसे मंदिर हैं जिनके रहस्य इतने अद्भुत हैं, कि जब भी कोई सुनता है तो हैरान रह जाता है। आज बता रहे हैं हनुमानजी के एक ऐसे मंदिर के बारे में, जहां वे एक ऐसे रूप में विराजमान हैं कि कोई सोच तक नहीं सकता। यह हैं झांसी के ग्वालियर रोड पर सखी हनुमान मंदिर, जहां बजरंगबली स्त्री रूप में विराजमान हैं। इस मंदिर के बारे में मान्यता है यहां हनुमान जी रोज़ाना रात में टहलते हैं। बता दें कि यहां स्त्री वेश में होने के बाद भी हनुमानजी के दोनों हाथ में गदा है। करीब 500 साल पुराने इस मंदिर में रोजाना हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। कहा जाता है कि यहां रात के समय हनुमानजी को टहलते देखा जा चुका है। कई बार रात को मंदिर के घंटे अपने आप बजने लगते हैं।
मंदिर से जुड़ा इतिहास
ऐसा कहा जाता है कि करीब 500 साल पहले ओरछा में एक सखी बाबा नाम के संत थे। बाबाजी को सपने में बजरंगबली की प्रतिमा दिखाई दी। सपने में उन्होंने एक स्थान पर हनुमानजी की सखी वेश में प्रतिमा देखी। जिसके बाद उन्होंने प्रतिमा को बैलगाड़ी में रखा और आगे बढ़ गई।लेकिन झांसी से गुजरते समय शाम हो गई। बाबा ने ग्वालियर रोड स्थित एक पीपल के पेड़ के नीचे मूर्ति को रख दिया और आराम करने लगे। जब बाबा चलने लगे तो उनकी बैलगाड़ी का पहिया निकल गया, जिसको ठीक करवाने के लिए उन्हें वहां एक ओर दिन रुकना पड़ा। उन्हें फिर स्वप्न आया कि प्रतिमा को राम राजा के दरबार ओरछा के पास ही रहने दें। अगले दिन सखी बाबा ने प्रतिमा को वहीं स्थापित कर दिया। तभी से यह मंदिर यहां स्थापित है। हनुमानजी के विषय में ये भी कहा जाता है कि उनके स्त्री वेष का वर्णन रामायण में भी मिलता है।
कहा जाता है कि जनकपुरी में राम भक्त हनुमान ने सखी रुप धारण किया था। मंदिर परिसर में राधारानी, भगवान कृष्ण, शंकर भगवान, पार्वती जी, राम-सीता आदि की भी प्रतिमाएं भी विराजमान हैं। यहां हनुमान जी के दर्शनों के लिए देश के कई हिस्सों के अलावा अमेरिका, कनाडा जैसे देशों के अप्रवासी भारतीय भी आते हैं। कहा जाता है कि यहां आने से भक्तों की हर इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। इसके अलावा अगर कोई नि:संतान दंपति पांच मंगलवार आकर हनुमान जी की विधि विधान से पूजा अर्चना करे। तो जल्द ही उसकी सूनी गोद भर जाती है।