संवाददाता, डेहरी। डिहरी-डालमियानगर नगर परिषद क्षेत्र में चुनाव के लिए नामांकन का सिलसिला जारी है। गुरुवार को पार्षद पद के लिए 21 लोगों ने नामांकन किया है। निर्वाची पदाधिकारी समीर सौरभ के अनुसार, इससे पहले 12 लोगों ने नामांकन दाखिल किया था। उन्होंने बताया कि नप क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से कुल 33 लोगों ने पार्षद पद के लिए नामांकन दाखिल किया है। जिसमें प्रमुख रुप से वार्ड नंबर 26 से पूर्व पार्षद सुरेंद्र सेठ की पत्नी उषा देवी, वार्ड नंबर 15 से राकेश कुमार सिन्हा, वार्ड नंबर 10 से रीतु हजारिका, किरण देवी, सज्जन कुमार अग्रवाल, अंसार अहमद, जाहदा खातून, मीना देवी, पुनम देवी, अमन कुमार शर्मा सहित अन्य शामिल हैं। जबकि मुख्य पार्षद पद के लिए महजबीन परवीन औऱ ज्योति कुमारी शामिल हैं। उप मुख्य पार्षद के पद के लिए आज दो नामांकन हुए। जिसमें सकीना खातुन और राजकुमारी देवी शामिल हैं।
कौन बनेगा मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद?
नगर परिषद चुनाव के लिए नामांकन जारी है। उम्मीदवारों की दमदार एंट्री से चुनावी चक्कलस जमकर हो रही है। एक के बाद एक दिग्गज उम्मीदवार मैदान में उतरने का ऐलान कर सबकों चौंका रहे हैं। चौक चौराहों पर माहौल गर्म है। अभी से ही जीत हार के लिए आंकलन शुरू हो चुका है। नगर परिषद में लगभग दो दशक से राजनीति करने वाले एक दिग्गज की अभी तक की चुप्पी चर्चा का विषय है। कहा जा रहा है कि एक वैश्य उम्मीदवार के पीछे उन्होंने अपना वीटो लगा दिया है। लेकिन मैदान से दूर जाने के पीछे कौन सी रणनीति है इसका आंकलन करने का प्रयास विरोधी लगातार कर रहे हैं।
वहीं, बीजेपी की एक दिग्गज महिला नेत्री के भी चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा जोरों पर है। वैश्य समाज से आने वाली इस महिला नेत्री के लिए चुनावी आंकलन का दौर जारी है। वोटों का बंदरबांट न हो सके इसके लिए अंदरूनी तौर पर संपर्क अभियान भी चल रहा है। उम्मीदवारों की लिस्ट लंबी होने पर विरोधियों को भी हमला करने और मजबूत होने का मौका मिलेगा इसका भी ध्यान रखा जा रहा है।
इस परिस्थिति में राजद खेमा को मजबूत होने का मौका मिल सकता है। राजद से जुड़े एक नेता अपने परिवार की एक महिला नेता को मैदान में उतार रहे हैं। स्थानीय विधायक से कथित दूरी की अफवाह को दूर करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
समझिए किस तरह का बन सकता है समीकरण
अनुमान है कि डेहरी नप क्षेत्र में सबसे ज्यादा वोट यादव, कुशवाहा, वैश्य और मुस्लिम का है। निषाद (मल्लाह) जाति के भी वोटर भी बड़ी संख्या में हैं। राजद नेता के लिए सबसे बेहतर स्थिति उनकी पार्टी के समर्थक जातियों को अपने खेमे में ऱखने से हो सकता है। उनकी जाति का भी वोट करीब 7000 माना जा रहा है। निषाद जाति के दो महत्वपूर्ण उम्मीदवारों के मैदान में होने से वोटों का आपस में बंदरबाट हो सकता है।
इस परिस्थिति में वैश्य समाज से कोई मजबूत उम्मीदवार अगर दावेदारी करता है तो फिर विरोधी पक्ष के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो सकती है। शहरी वोटों पर वैश्य जाति की हिस्सेदारी ज्यादा है। माना जा रहा है कि कुशवाहा, यादव, वैश्य और मुस्लिम मतदाता डेहरी शहर के मुख्य पार्षद और उप मुख्य पार्षद को चुनने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इसके अलावा अन्य उम्मीदवारों को अपनी चुनावी जीत पक्की करने के लिए अपनी स्वीकार्यता अन्य जातियों में बढ़ानी होगी।
टीम डेहरियंस ने की अपील- विकास को करें फोकस
टीम डेहरियंस के चंदन कुमार ने उम्मीदवारों के चयन के लिए जाति और वर्ग को ध्यान में न रखने की अपील की है। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों को विकास के मुद्दे पर तलाशने और चुनने की जरूरत है। उनका मानना है कि युवा वर्ग डेहरी के प्रगति के लिए बेहतर उम्मीदवार चुनना चाहते हैं।