
डेहरी प्रखंड के मौडिहां गांव में सुबह सात बजे छोटे बच्चे बच्चियों का एक काफिला शोर मचाते उसी गांव के स्कूल में पदस्थापित एक शिक्षिका के दरवाजे पर पहुंचे और जोर से बोले मैडम जी आज स्कूल बिना बैग के जाना है ना। शिक्षिका ने जवाब दिया।। हां, बैग नही ले जाना है। इस दौरान खुशी से भागते बच्चो के उमंग को देखा जा सकता है। आपस में शोर करते की आज बैग नही ले जाना है। बैग नही ले जाना है,सब गलियों में दौड़ पड़े। गांव के बूढ़े बुजुर्ग भी हैरत में आ गए। क्या माजरा है।
दरअसल, शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव का एक पत्र 11 नवंबर को निर्गत हुआ है। जिसमें स्वतंत्र भारत के शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद के जन्म दिवस के उपलक्ष में आयोजित शिक्षा दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 19 नवंबर को बैकलेस सुरक्षित शनिवार का शुभारंभ किया गया है। इस तरह के अभियान कई सालो से नागरिक संस्थाएं चला रहीं थी। मानव अधिकार कार्यकर्ता संतोष उपाध्याय ने इस पहल का स्वागत किया है। इस मौके पर शिक्षिका रिंकी कुमारी, दुर्गा कुमारी, कमल रंजन, वासुदेव रंजन, नरेंद्र कुमार, विनय कुमार टोला सेवक रमेश कुमार और पप्पू कुमार के अलावा ऋचा, रूपा,अनामिका ,सृष्टि ,निहारिका, गोलू ,शनि आदि मौजूद थे।
