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सासाराम (रोहतास) होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन के तत्वधान में अयोध्या पैलेस जीटी रोड सासाराम में एक बैठक डॉ अवधेश कुमार की अध्यक्षता में किया गया। मंच संचालन डॉक्टर शरद चंद्र संतोष ने किया। होम्योपैथिक दवा के निर्माण एवं बिहार में शराबबंदी कानून के तहत होम्योपैथिक दवा के रखरखाव के बारे में विभिन्न चिकित्सकों के द्वारा अपने-अपने मत प्रस्तुत किए गए। जिसमें डॉक्टर संत प्रसाद के द्वारा होम्योपैथिक कानून के बारे में बताया गया। जो 1945 ई.में लागू हुआ था। उसी के तहत 2016 के शराब बंदी कानून के बाद 2019 में होम्योपैथिक के प्रति एक नया रूल रेगुलेशन बना। जिसमें होम्योपैथी दवा दुकानदारों और चिकित्सकों के द्वारा जो क्लीनिकल एक्ट के तहत प्रावधान किया गया। जिसमें होम्योपैथिक क्लीनिक और होम्योपैथिक अस्पताल के बारे में चर्चा किया गया है। उसके बारे में बताया गया। सरकार के द्वारा डिस्पेंसरी के बारे में बताया गया जिसमें डिस्पेंसरी में यह कहा गया है। जहां पर एक से अधिक चिकित्सक होते हैं। उसको डिस्पेंसरी सरकार मान रही है और वहां पर चिकित्सक अपना स्वयं की दवा रखकर के प्रैक्टिस कर सकते हैं। जहा एक से अधिक डॉक्टर बैठते हैं। होम्योपैथिक एक ऐसी मेडिसिन है जिसमें होम्योपैथिक गाइडलाइन के अनुसार यानी सी, सी, एच जो होम्योपैथिक बोर्ड है। जो आयुष मंत्रालय के अंतर्गत आता है। सेंट्रल काउंसिल ऑफ होम्योपैथ के तहत इसका एक अपना रूल रेगुलेशन है। जिसमें होम्योपैथिक चिकित्सक अपने प्रैक्टिस करने के लिए बहुत सारी दवाई खुद अपने पास रखते हैं जो प्रैक्टिस करते हैं या होम्योपैथिक के सिद्धांतों के अनुरूप प्रैक्टिस करते हैं। उसमें चिकित्सकों को अपने रिक्वायरमेंट के अनुसार दवाओं को रखना होता है। और होम्योपैथिक चिकित्सक सीसीएच के अनुसार दवा रख सकते हैं इसलिए उनके ऊपर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए और नहीं औषधि निरीक्षकों ने इसे अस्वीकार किया इस कार्यक्रम में रोहतास जिले के चिकित्सक एवं दुकानदार और उसमें जिले के तीनों अनुमंडल के ड्रग इंस्पेक्टर (औषधि निरीक्षक) और एक्साइज इंस्पेक्टर भी शामिल हुए। सरकार द्वारा शराबबंदी कानून को होम्योपैथिक दुकानदार और चिकित्सकों के द्वारा समर्थन किया गया। अल्कोहल को लेकर होमियोपैथिक दवा दुकानदारों एवं चिकित्सकों को खास करके होम्योपैथिक दवा दुकानदार और चिकित्सकों को परेशान किया जा रहा है ऐसा नहीं है कि सरकार नहीं जानती हैं। सरकार को पता है की मिथाइल अल्कोहल होम्योपैथिक का आधार वेश है और इसके नाम पर जो शराब व्यवसाई हैं होमियोपैथिक दवा के नाम पर होमियोपैथिक का लेबल चिपका करके लाते हैं और शराब का कारोबार करते हैं जिसमें अभी तक जितने भी जगहों पर कुछ घटनाएं घटी हैं उसमें शराब व्यवसायियों के सद्वारा जो भी लेबल प्राप्त हुआ है उसमें होमियोपैथिक दवा ही लिखा हुआ है। उससे क्या होता है कि होमियोपैथिक के जितने भी दुकानदार और चिकित्सक हैं खास करके बिहार के उसमें काफी उनको बदनामी झेलना पड़ रहा है। इससे सरकार होमियोपैथिक के प्रति कुछ सख्त रवैया अपना रही है। जिससे होमियोपैथिक चिकित्सकों और दुकानदारों को काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है ऐसा नहीं है कि होमियोपैथिक चिकित्सक और दुकानदार सरकार के नीतियों के खिलाफ हैं। सरकार की नीतियों के समर्थन में है फिर भी कुछ इस तरह के मुद्दे आ जा रहे हैं। जिससे होमियोपैथिक चिकित्सक और दुकानदारों को कुछ परेशानियां हो जा रही है जिले तीनों ड्रग इंस्पेक्टर यानी औषधि निरीक्षको ने एक स्वर में कहा कि रजिस्टर्ड चिकित्सक और रजिस्टर्ड दुकानदार 100 एमएल तक की दवा रख सकते हैं उन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है जहां सेल करते हैं उसका ख्याल रखें और जिसको भी सेल करते हैं। उनका नाम पता रहना चाहिए। रोहतास में पैथिक मेडिकल एसोसिएशन के तरफ से आयोजित सभा में आयोजित संगोष्ठी में जिले के विभिन्न प्रखंड और अनुमंडल से आए हुए चिकित्सकों ने अपने-अपने मूल्यवान विचार रखें जिसमें यह कहा गया कि ईथाइल अल्कोहल कभी भी किसी को हानि नहीं पहुंचाती है इससे कोई मर नहीं सकता है। इस में भाग लेने वालों में जिले के चिकित्त्सक डॉक्टर आरपी सिंह डॉ कामेश्वर प्रसाद सिंह डॉक्टर शिव शंकर सिंह डॉ शशि कुमार डॉ मुकुल प्रकाश डॉक्टर विशाल कुमार और दुकानदार भाइयों में बिहार होमियो हॉल, एसके होमियो हॉल, नासरीगंज आशा होम्यो एजेंसी दुर्गा होमियो हॉल ज्योति होमियो हॉल ,श्री राम होमियो हॉल इस तरह से सैकड़ों लोगों ने भाग लिया और अपने अपने विचार रखें। संगठन का विस्तार किया ग…
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