
डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास). प्रखण्ड के मौडीहा गांव में बंदी अधिकार आंदोलन, इंसाफ, इंडियन हॉकर फोरम व मानवाधिकार जन निगरानी समिति के बैनर तले शुक्रवार को किसानों के एक समूह ने अपने हाथों पर काले कपड़े की पट्टियां बांध कर असमानता खत्म करने,किसानों के कर्ज माफ़ करने, अमीरों पर टैक्स लगाने जैसे गंभीर मुद्दे पर हो रहे वैश्विक प्रतिरोध में अपनी हिस्सेदारी निभाई। बंदी अधिकार आंदोलन के संयोजक संतोष उपाध्याय ने कहा कि वैश्वीकृत दुनियां के महनायक तानाशाह होते जा रहे है।उनकी नीतियों से देश के कर का आर्थिक बोझ गरीब और मध्यम वर्ग उठा रहा है।बड़े कर्जदारों को कर्ज माफ़ी का फायदा मिल रहा है।देश के एक प्रतिशत अमीरों के पास देश का चालीस प्रतिशत धन चला गया है।
उन्होंने कहा कि देश के दस सबसे अमीरों पर अतिरिक्त पांच प्रतिशत कर लगाया गया तो देश के वैसे सभी बच्चो को विद्यालय वापस भेजा जा सकता है। जो सरकार की नीतियों के कारण स्कूल नहीं जा पा रहे हैं,सरकार के इन राजकोषीय नीति के चलतेदलित,आदिवासी,मुसलमान, हॉकर,महिला,असंगठित क्षेत्र के मजदूर लगातार आर्थिक तौर पर कमजोर होते जा रहे है।कहा कि आज पूरी दुनियां में एक होकर ब्लैक फ्राइडे के दिन वैश्विक विरोध ऐसे मांगों के साथ कर रहे है ।जिससे असमानता खत्म हो,नागरिकों,महिलाओं, युवाओ,किसानों,विद्यार्थियों के ,रोजाना कमाईवालो के हित में सार्वजनिक निवेश हो। मौके ददन पासवान,राजीव नंदन समेत कई ग्रामीण मौजूद थे ।