अवनीश मेहरा, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। डेहरी अनुमंडल के वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय से अंगीभूत स्थानीय महिला कॉलेज, डालमियानगर में अगले सत्र से विज्ञान और वाणिज्य की पढ़ाई शुरू होगी। विश्वविद्यालय के एकेडमिक काउंसिल द्वारा इस कॉलेज में दोनों संकाय में पढ़ाई प्रारम्भ करने को अनुमोदित कर दिए जाने से कालेज परिवार व छात्राओ में हर्ष व्याप्त है। स्थानीय जनप्रतिनिधियो , बुद्धिजीवियो व छात्र संगठनों ने कुलपति व प्राचार्य को बधाई दी है व उम्मीद जताया है कि पीजी की पढ़ाई भी 2021 सत्र से शुरू होगी। एकमात्र लड़कियों के इस कॉलेज में केवल कला संकाय की पढ़ाई होती थी। साल 2014 में विश्वविद्यालय द्वारा इस कॉलेज में सेल्फ फाइनांस के तहत विज्ञान व वाणिज्य का अध्यापन प्रारम्भ हुआ। विश्वविद्यालय ने 2019 में इन दोनों संकाय के नामांकन पर राजभवन से अनुमति नही मिलने के कारण रोक लगा दिया था । पुनः दोनों संकाय में नामांकन के अतिरिक्त, पीजी व बीसीए के अध्यापन यहां प्रारम्भ करने को ले स्थानीय विधायक रहे सत्यनारायण सिंह ने गत दिसम्बर में मुख्यमंत्री से मिल मांग किया था ।मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बेटियो के उच्च शिक्षा को ले सरकार की ओर से सहयोग का भरोसा दिया था। इस कार्य के लिए एबीवीपी के नेता मनीष उपाध्याय व डेहरी चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष सच्चितानंद प्रसाद भी इसके लिए प्रयासरत थे। बीजेपी नेता व पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह के अनुसार सीएम की पहल का ही परिणाम है कि महिला कॉलेज में 2020 सत्र से बीसीए का अध्यापन प्रारम्भ हुआ। पीजी के दो विषयों के पढ़ाई के लिए विश्वविद्यालय टीम ने कॉलेज का निरिक्षण किया। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर बिहार के लिए बेटियो को सशक्त करने को विज्ञान व वाणिज्य की पढ़ाई फिर से 2021 सत्र से प्रारम्भ होगी। इसके लिए कुलपति व कालेज के प्राचार्य की जितनी भी प्रशंसा की जाए कम होगी।
जानिए क्या कहना है प्राचार्य का
कॉलेज के प्राचार्य डॉ सतीश नारायण लाल के अनुसार, साल 2021 से विज्ञान और वाणिज्य का अध्यापन फिर से शुरू होगा। विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल सोमवार को हुई बैठक में इस महाविद्यालय में विज्ञान और वाणिज्य के अध्यापन करने के प्रस्ताव को अनुमोदन कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में गत अगस्त माह में योगदान के बाद से ही वे स्नातक विज्ञान और वाणिज्य के अध्यापन के लिए प्रयास प्रारंभ कर दिया था। उन्होंने बताया कि विज्ञान के युग में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होने से स्थानीय जनप्रतिनिधि ,छात्राओं और उनके अभिभावकों में काफी असंतोष व्याप्त था। वे लगातार इन दोनों संकाय में अध्यापन की मांग कर रहे थे। विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल से इन दोनों संकाय में अध्यापन प्रारंभ करने का अनुमोदन होने के बाद आगामी 10 जनवरी में होने वाले सिंडिकेट की बैठक में इसकी स्वीकृति मिल जाएगी। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि दो विषयों में इस महाविद्यालय में स्नातकोत्तर स्तर के अध्यापन के लिए गत जुलाई में विश्वविद्यालय की टीम ने निरीक्षण कर लिया है। उन्होंने उम्मीद जताई है आगामी सत्र से इस महाविद्यालय में इतिहास और राजनीति शास्त्र में अध्यापन की अनुमति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार आत्मनिर्भर बिहार बनाने के लिए बेटियों के उच्च शिक्षा हेतु लगातार प्रयासरत है।
विकास के लिए लगातार प्रयत्नशील रहे प्राचार्य डॉ सतीश नारायण लाल
महिला कॉलेज के नए प्राचार्य डॉ सतीश नारायण लाल महिला शिक्षा के विकास के लिए सतत प्रयत्नशील है। बीपीएससी से नियुक्त डॉ लाल 2009 से वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के ए एस कालेज बिक्रमगंज व एस भी पी कालेज भभुआ में प्राचार्य रह चुके है। इसके पूर्व वे पटना साइंस कॉलेज में 1992 से 2009 तक एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्य कर चुके है। बॉटनी में इन्होंने कई टॉपिक पर रिसर्च भी किया है । 21 से अधिक रिसर्च पेपर भी इनके प्रकाशित हो चुके है। डॉ लाल का कहना है कि इस कॉलेज को विश्वविद्यालय का पहला नैक एक्रीडिटेशन मिलने का गौरव प्राप्त है। साथ ही यह राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान रूसा के तहत चयनित है। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में योगदान करते उन्होंने विज्ञान व वाणिज्य के अध्यापन प्रारम्भ करने की पहल की जिसमे सफलता लगभग मिल गई है। पीजी की पढ़ाई की भी पहल की जा रही है। जबकि बीसीए का इस वर्ष से अध्यापन प्रारम्भ हो गई है। प्राचार्य के अनुसार, फैशन डिजाइनिंग ,सेफ्टी मैनेजमेंट ,बीबीए समेत अन्य व्यवसायिक शिक्षा प्रारंभ करने की योजना है।ताकि बेटियां आत्मनिर्भर बन सकें।