^ चैत्र प्रतिपदा धरती मां के उत्पत्ति और हमारे प्रथम पूर्वज का दिन है : इंद्रेश
डेहरी आन सोन. रोहतास जिले के बिक्रमगंज में राज्यपाल विश्वनाथ लेकर ने आने वाला 25 साल हिंदुस्तान का अमृतकाल काल है। देश की आजादी का सौ वर्ष पूरा होते होते भारत को विश्वगुरु बनने से कोई नहीं रोक सकेगा। राज्यपाल आज बिक्रमगंज के तेन्दुनी काली स्थान परिसर में आयोजित हिन्दू नववर्ष उत्सव में बतौर मुख्य अतिथि सभा को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्व जागरण, स्वदेशी जागरण, स्व परम्परा जागरण, स्व संस्कृति, स्व इतिहास जागरण की जरूरी है। भारत की संस्कृति शस्त्र नहीं शास्त्र है। स्वामी विवेकानंद शिकागो शस्त्र नहीं शास्त्र लेकर गए थे और पूरी दुनियां ने उनका लोहा माना।
उन्होंने कहा कि वर्तमान अंग्रेजी काल गणना ग्रेगेरियन पद्धति है। जबकि हमारी काल गणना शास्त्र के अनुसार है। यह 150 वर्ष पूर्व आयी और इसे हमलोगों ने अपना लिया। जबकि पड़ोसी देश नेपाल में आज भी शास्त्र के अनुसार ही काल गणना होती है। इसलिए स्व जागरण की आवश्यकता है। हमारी संस्कृति स्वामी विवेकानंद की संस्कृति रही है। दूसरों को हमारे धर्म मे लाने की संस्कृति नहीं है। हमने बाहर जाकर कहीं अत्याचार नहीं किया।
मुख्य वक्ता व आर एस एस के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि वर्ष प्रतिपदा पवित्र दिन है। मदर अर्थ डे है। इसी दिन पृथ्वी ब्रह्मांड में अवतरित हुई। पृथ्वी को ऊर्जा के लिए खनिज डाले गए। यह हमारे प्रथम पूर्वज के उत्पत्ति का दिन है। मानव जीवन की उत्पत्ति का दिन है। उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति संहारक की नहीं उद्धारक की रही है। पश्चिम ने पाप किया उद्धारक को संहारक बना दिया। उन्होंने कहा कि ब्रह्मांड का पहला नाम ॐ है। मनुष्य के उत्पादन की नारी की कोख से है। जिसने ने जन्म दिया वह मां है। उन्होंने ॐ का एक स्वर में उच्चारण किया व कराया। कहा कि मां से प्रेम करो धरती से प्रेम करो सभी को शांति का अहसास होगा। इंद्रेश जी ने हिन्दू नववर्ष चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा के संबंध में विस्तार से चर्चा किया। साथ ही लोगों को जाति भेद, छुआछूत मुक्त समरस बनने व भारत को बनाने, पर्यावरण मुक्त बनाने, वृक्ष लगाने, दंगा मुक्त देश बनाने, धर्मांतरण नहीं धर्मो का सम्मान करने, नारी शोषण नहीं करने, गरीब, दुःखी, दिव्यांग को अपमान नहीं सम्मान देने, नशा मुक्त बनने, गौ तस्करी नहीं करने, गौ सेवा, गौ पालन का देश बनाने, एक बनेंगे – नेक बनेंगे का संकल्प कराया।
पूर्व विधायक राजेश्वर राज ने स्वागत भाषण किया और राज्यपाल, मुख्य वक्ता सहित आगंतुकों का स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रज्ञा पुंज पब्लिक स्कूल की छात्राओं ने राष्ट्र गान, लोक कलाकारों की भक्ति गीत संत नारायचार्य जी महाराज, अयोध्याचार्य जी महाराज, अरविंदाचार्य जी महाराज के आशीर्वचन के बाद शंखनाद से हुआ। समारोह को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र बौद्धिक प्रमुख राणा प्रताप ने भी संबोधित किया। धन्यवाद ज्ञापन धनन्जय सिंह ने किया। इस अवसर पर राज्यपाल सहित उपस्थित लोगों ने विनय मिश्र का चैता गायन का भी आनंद लिया।