सासाराम (रोहतास) कोरोना के नामपर पिछले तीन सालों से बन्द की गई वरिष्ठ नागरिकों की रेल किराया छुट को फिर से बहाल कराने को ले केंद्र सरकार तथा नेशनल सीनियर सिटीजन एसोसिएशन की मंगलवार को बातचीत विफल हो गई है,प्रधानमंत्री कार्यालय से वार्ता कर लौटे संगठन के राष्ट्रीय महासचिव रामायण पांडेय “एलौन” ने स्थानीय संघ कार्यालय में पत्रकारो को बताया की वरिष्ठ नागरिकों एवं पेंशनरों की पांच सुत्री मांगों को लेकर पिछले महीने जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री एवं रेलमंत्री को ज्ञापन सौपा गया था जिसपर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक पहल नही किये जाने पर मंगलवार को पुनः मंत्रालय में वार्ता किया गया जो की विफल रहा,सरकार टाल-मटौल की रवैया अपना रही है जिससे बाध्य होकर हमने आंदोलन को और तेज करने का निर्णय लिया है जिसके तहत सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के समक्ष धरना-प्रदर्शन कर मांगपत्र सौपेंगे इसके बाद नई दिल्ली में प्रधानमंत्री के समक्ष आमरण अनशन भी करेंगे।देश के बुजुर्गों से इस आंदोलन में साथ देने का आहवान करते हुए श्री एलौन ने कहा की यह अजीब बिडम्बना है की सरकार उसी रेलवे में पूर्व एवं वर्तमान मंत्रियों,सांसदों,विधायकों तथा रेल अधिकारियों की यात्रा छूट को जारी रखे हुई है लेकिन वरिष्ठ नागरिकों की रियायत को रेलवे पर बोझ बताया जा रहा है।वही रेलमंत्री सभी यात्रियों को 55 फीसदी की औसत रियायत दिए जाने की बात करते है जो अत्यंत ही हास्यपद एवं गुमराह करने वाला है। कहा की पिछली सरकारों द्वारा रेल किराये में पुरुष वरिष्ठ नागरिकों को 40 फीसदी एवं महिला यात्रियों को 50 फीसदी की रियायत दी जाती थी जिसे इस सरकार ने बन्द कर दिया है।रेल स्थाई समिति द्वारा आधी-अधूरी रिपार्ट को संसद में दो बार पेश करने का नाटक कर टाइमपास किया गया जिससे बुजुर्गों को लगे की सरकार कुछ कर रही है।उन्होंनें कहा की इस मम्मले मे कोई सिफारिश या नए कानून की तो जरूरत ही नही है जो छूट पहले से मिल रही थी उसे सिर्फ बहाल करना है।