By using this site, you agree to the Privacy Policy and Terms of Use.
Accept
KB NewsKB News
Notification Show More
Aa
  • होम
  • समाचार
    • अंतराष्ट्रीय
    • क्षेत्रीय
    • राष्ट्रीय
  • विचार
    • अध्यात्म
    • कला
    • ज्योतिष
    • धर्म
    • परिचर्चा
    • समकालीन
    • संस्कृति
    • साहित्य
  • फोटो गैलरी
  • वीडियो
  • फैक्ट चेक
  • संपर्क
  • ई पेपर
Reading: पिंक आई एक वायरस , बचाव को ले DOCTOR से सलाह -डॉ अमिताभ
Share
Aa
KB NewsKB News
Search
  • होम
  • समाचार
    • अंतराष्ट्रीय
    • क्षेत्रीय
    • राष्ट्रीय
  • विचार
    • अध्यात्म
    • कला
    • ज्योतिष
    • धर्म
    • परिचर्चा
    • समकालीन
    • संस्कृति
    • साहित्य
  • फोटो गैलरी
  • वीडियो
  • फैक्ट चेक
  • संपर्क
  • ई पेपर
Have an existing account? Sign In
Follow US
KB News > समाचार > क्षेत्रीय > पिंक आई एक वायरस , बचाव को ले DOCTOR से सलाह -डॉ अमिताभ
क्षेत्रीयसमाचार

पिंक आई एक वायरस , बचाव को ले DOCTOR से सलाह -डॉ अमिताभ

GOVINDA MISHRA
Last updated: 2023/08/10 at 4:23 PM
GOVINDA MISHRA  - Founder Published August 10, 2023
Share
SHARE

डेहरी आन सोन (रोहतास ) पिंक आई एक वायरस फैलने वाली बीमारी है और इसे चिकसकीय भाषा में एपेडेमिक केराटोकोनजंक्टिविटीज (keratoconjunctivitis) कहते हैं। जिले में बढ़ रही इस बीमारी पर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ अभिताभ के अनुसार आँखों का लाल होना, गड़ना, पानी व कीच्ची आना, खुजली होना एवं पलकों में सूजन होना इसके लक्षण हैं। कभी कभी ज़्यादा गंभीर रूप भी ले लेता है तब इसमें कॉर्निया में भी संक्रमण हो जाता है एवं दृष्टि बाधित हो सकती है । उन्होमे बताया कि यह बहुत जल्दी संक्रमण फैलाता है और एक आदमी अपने पूरे परिवार एवं अपने नज़दीक लोगों को संक्रमित कर देता है । उन्होंने कहा कि बचाव के लिए कोई दवा नहीं है। बस एहतियात बरतना ही इससे बचाव है । अपने आँखों को छूने से बचना है और अगर ज़रूरत हो तो हाथ को धो कर ऐसा करें । अगर आपके घर में या आपके आसपास कोई संक्रमित है तो ध्यान रखें की वो अनावश्यक चीज़ों को ना छूऐ। एवं उनके रोज़ाना इस्तेमाल करने के लिये तौलिया तकिया चादर जैसे चीज़ों को अलग कर दें। परिवार के अन्य सदस्य अपने हाथों को बार बार धोते रहें और अपने आँखों को ना छूयें। उन्होंने बताया कि संक्रमण होने पर आँखों में एंटीबायोटिक ड्राप्स। कृत्रिम अश्र के ड्राप्स उन्हें हम आर्टिफीसियल टीयर ड्राप्स को इस्तेमाल करना चाहिए । उन्होंने बतया की अभी बाज़ार से ख़रीदकर नब्बे प्रतिशत लोगस्टेरॉइड्स( steroid )युक्त ड्राप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं जो की हानिकारक भी साबित हो सकता है।स्टेरॉइड्स(steroids) ड्राप्स जैसे की डेक्सअमेथासोन (dexamethasone )नहीं डालना चाहिए क्योंकि ये नुक़सान भी कर सकता है। अगर इसकी ज़रूरत है तो वो अपने नेत्र के चिकित्सक से सलाह ले ।

GOVINDA MISHRA

Proud IIMCIAN. Exploring World through Opinions, News & Views. Interested in Politics, International Relation & Diplomacy.

TAGGED: doctor advice, eye disease, eye problem, keratoconjunctivitis
GOVINDA MISHRA August 10, 2023 August 10, 2023
Share This Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Print
What do you think?
Happy1
Love0
Surprise0
Cry0
Angry0
Leave a comment

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Latest News

सुशील मोदी को इस तरह बिहार सरकार ने किया याद, समर्थकों ने किया स्वागत
क्षेत्रीय समाचार
रालोमो “संवैधानिक अधिकार परिसीमन सुधार”महारैली को लेकर हुई बैठक
क्षेत्रीय समाचार
पाकिस्तान को भारत की सख्त चेतावनी-संघर्ष विराम तोड़ा तो देंगे तगड़ा जवाब
राष्ट्रीय
प्राईवेट स्कूलों से बेहतर कर रहे है सरकारी स्कूल के बच्चे – जिप सदस्य सुदामा राम
क्षेत्रीय समाचार

Find Us on Socials

100 Like
200 Follow
220 Subscribe
KB NewsKB News
Follow US
© Copyright 2023 KBNews. All Rights Reserved
Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?