ऐतिहासिक व सांस्कृतिक विरासत पर होगी चर्चा
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सभी हैं प्रयासरत
भभुआ – अपनी गौरवशाली इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को याद करते हुए पर्यटन को बढावा देने के लिए आगामी 2 दिसम्बर को कैमूर जिले में अवस्थित माँ मुंडेश्वरी धाम पर इस बार शाहाबाद महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जिसमें देश दुनिया के अनेक क्षेत्रों में सक्रिय यहाँ के बुद्धिजीवी, राजनेता, नौकरशाह, साहित्यकार एंव कला संस्कृति से जुड़े नामचीन लोग शिरकत करेंगे और अपने धरोहर को संजोकर रखने तथा इसे राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय पटल पर लाने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने का संकल्प लेंगे।
इस सम्बन्ध में शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के संयोजक अखिलेश कुमार ने मंगलवार को स्थानीय परिसदन में आयोजन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पुराने शाहाबाद जिला यानि वर्तमान भोजपुर, रोहतास, कैमूर तथा बक्सर का इतिहास काफी गौरवशाली रहा है। जहाँ सतयुग के राजा हरिश्चन्द्र से लेकर वर्तमान समय तक यहाँ के लोग समाज तथा देश निर्माण में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। शाहाबाद का इलाका खुबसूरत प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है। इसके पश्चिम तथा उत्तर में पवित्र गंगा, पूरब में सोन नदी विराजती है, जबकि दक्षिणी भाग में विन्ध्य गिरी पर्वत श्रृंखला है। चारो तरफ मनोरम प्रकृति सौन्दर्य ऐतिहासिक तथा धार्मिक स्थल होने के बावजूद यहाँ का समुचित विकास नहीं हो पाया है।
कुमार ने कहा कि शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के वैनर तले पिछले चार वर्षों से अपने गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए यहाँ के परंपरागत नृत्य संगीत को बढावा देने तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शाहाबाद महोत्सव के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है। इसी को लेकर आगामी 2 दिसम्बर को इस वर्ष कैमूर की पवित्र भूमि माँ मुंडेश्वरी मंदिर के प्रांगण में किया जाएगा। कहा कि यह सुखद संकेत है कि शाहाबाद के सभी दलों के राजनेता राजनीतिक मतभेदों को भूलकर यहाँ के विकास के लिए एक मंच पर साथ आ रहे हैं। इससे पहले भी 28 जुलाई 2021 और विधानसभा सत्र के दौरान हीं 25 फरवरी 2022 को बिहार विधान परिषद् के सभागार में शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति के पहल पर आयोजित बैठक में सभी दलों के विधायक व विधान परिषद सदस्य एक साथ बैठकर शाहाबाद के विकास हेतु संकल्प लिए थे।
कुमार ने बताया कि शाहाबाद महोत्सव के माध्यम से यहाँ के महापुरुषों के नाम पर सम्मान देने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए महर्षि विश्वामित्र सम्मान, संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए भारत रत्न बिस्मिल्ला खान सम्मान, सेना में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए शहीद ज्योति प्रकाश निराला सम्मान, पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए स्वामी भवानी दयाल सन्यासी सम्मान तथा पढाई या प्रतियोगिता में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वालों के लिए पदम् श्री वशिष्ठ नारायण सिंह सम्मान दिया जाएगा। अखिलेश कुमार ने कहा कि वाराणसी या सारनाथ से बोधगया और राजगीर के बीच ढाई से तीन सौ किलोमीटर के बीच शाहाबाद में विदेशी पर्यटकों को ब्रेक देने के लिए शाहाबाद महोत्सव आयोजन समिति कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि कैमूर वैली में करकटगढ, मुंडेश्वरी धाम, तेलहर जल प्रपात, रोहतासगढ़ किला, ताराच॔डी धाम, अरण्य देवी मंदिर आरा, शेरगढ़ किला, दुर्गावती जलाशय, मांझर कुंड, भगवान राम को शस्त्र और शास्त्र दोनों का शिक्षा देने वाला स्थान बक्सर, शेरशाह का मकबरा, चौसा का मैदान, शहीद बाबु वीर कुंवर सिंह की जन्मभूमि जगदीशपुर जैसे अनेक ऐतिहासिक धार्मिक और मोहक तथा मनोरम दृश्य लिए स्थान विराजमान है, जो पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए काफी है। बस जरूरत है यहाँ पर्यटन सुविधाओं को विकसित कर इसे प्रचारित करने की।
अखिलेश कुमार ने कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए कहा शाहाबाद का गौरवशाली इतिहास तथा इसके विकास की संभावनाएं विषय पर गोष्ठी के साथ यहाँ के परम्परागत लोक संगीत की प्रस्तुति होगा। नये जनरेशन को अपने पूर्वजों से रूबरू कराने के लिए उनके तैल्य चित्र प्रदर्शनी के साथ प्रमुख खाद्य सामग्री का प्रदर्शनी भी लगाया जाएगा। संवाददाता सम्मेलन में पैक्स अध्यक्ष आशुतोष सिंह, धर्मेन्द्र कुमार, चंदन सिंह, शंकर कैमूरी, जितेन्द्र सिंह, संतोष कुमार, मुन्ना सिंह, रोहित राठौर,राम प्रताप, आदि म भी उपस्थित थे।