पटना, 24 अगस्त (आईएएनएस)। बिहार में जातीय गणना को लेकर शुरू हुई सियासत थम नहीं रही है। इस बीच पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने गुरुवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बताएं कि कांग्रेस शासित राज्यों में जातीय जनगणना क्यों नहीं हुई और कर्नाटक की सिद्धारमैया सरकार ने जातीय जनगणना करायी भी, तो उसकी रिपोर्ट जारी क्यों नहीं की गई?
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार ने 2022 के नगर निकाय चुनाव में अतिपिछड़ों को आरक्षण देने के लिए आनन-फानन में आयोग बनाकर जो रिपोर्ट बनवायी, उसे अब तक जारी क्यों नहीं किया गया?
उन्होंने आगे कहा कि अब क्या गारंटी है कि सरकार जातीय जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक कर देगी?
सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में जातीय सर्वेक्षण कराने का निर्णय उस सरकार का था, जिसमें 16 मंत्रियों की पूरी ताकत के साथ भाजपा शामिल थी। उसमें राजद, कांग्रेस शामिल नहीं थे।
उन्होंने कहा कि राजद को इसी बात का दर्द है कि भाजपा ने जातीय जनगणना (सर्वे) का समर्थन क्यों किया और अब इसे पिछड़ा-विरोधी कैसे साबित करें।
सुशील मोदी ने कहा कि पिछड़े समाज से आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सर्वोच्च राजनीतिक पद पर रहते भाजपा को पिछड़ा विरोधी साबित करने की कोशिश कभी सफल नहीं होगी।
याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर हमने बिहार विधान मंडल में दो बार समर्थन किया और प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल में भी भाजपा शामिल थी।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जातीय सर्वे का विरोध नहीं किया।