प्रमोद कुमार, डिजिटल टीम, भभुआ । 32 स्क्वायर फिट का राखी बना कर पीपल के पेड़ में बांधा,पर्यावरण कि रक्षा का संदेश दिया। कलाकार ने रक्षाबंधन में चन्द्रयान 3 का सफल लैंडिंग के साथ जिला कृषि प्रधान जिला होने के नाते रक्षाबंधन में रस्सी और चावल का प्रयोग किया गया। डीएम ने वृक्ष में बाँधा रक्षाबंधन सूत्र जिलेवासियों को पर्यावरण का रक्षा का संदेश दिया।अमरीश ने 32 स्क्वायर फीट में राखी तैयार कर किया मिसाल कायम कियाो।
कैमूर के कलाकृति मंच के संस्थापक व राष्ट्रीय कला मंच प्रान्त संयोजक बिहार,अमरीश के द्वारा 32 स्क्वायर फीट में राखी बनाया गया हैं जिसे देश कि सबसे बड़ी राखी के रूप में देखा जा सकता हैं। इसमें नारियल रस्सी, रक्षा सूत्र, धान की भूसी, चावल, गेहूं, बास का डलिया तथा नेचुरल रंगों का प्रयोग कर चंद्रयान-3 के तर्ज पर राखी का निर्माण किया गया है
राखी को 6.4/5 फिट में बनाते हुए एक तरफ चन्द्रयान 3 का मॉडल बनाया हैं तो वही दूसरी तरफ चंद्रयान-3 विक्रम लैंडर को बनाया गया है तथा बिच में स्वस्तिक को दर्शाया गया हैं, इस दौरान मुकेश पाल का सराहनीय योगदान रहा।
राखी को भभुआ शहर स्थित वन विभाग के सामने विशाल पीपल के वृक्ष में जिलाधिकारी सावन कुमार के हाथों से बंधवाया गया साथ ही चंद्रयान3 की सफलता का खुशी को जाहिर करते हुए, पर्यावरण संरक्षण का भी संदेश दिया गया, तथा अपील किया गया कि हर रक्षाबंधन त्यौहार पर हर एक व्यक्ति कम से कम एक पौधा रोपण करें, और जिस तरह से रक्षाबंधन त्यौहार पर बहन अपने भाई कि कलाई पर राखी बांधकर उसकि लम्बी और स्वस्थ आयु की कामना करती है, इसी तरह हर व्यक्ति एक पौधा लगाए और उसे अपने परिवार के सदस्य जैसा देख रेख करे।कैमूर जिला कैमूर पहाड़ी से घिरा हुआ है जंगलो की कटाई भी जारी है जिसको देखते हुए पटना आर्ट कॉलेज के छात्र अमरीश ने 32 स्क्वायर फिट का राखी बना डाली और उसमें चन्द्रयान 3 के फसल लैंडिंग का संदेश दिया कि भारत विज्ञान के क्षेत्र में अन्तरिक्ष में भी कदम जमा लिया है,साथ ही जिले के साथ पूरे देश में पर्यावरण कि रक्षा करना हमारा कर्तव्य है,जिले को धान का कटोरा कहा जाता है जिसको लेकर राखी में चावल,धान का भूसी का प्रयोग किया गया है।