
डेहरी आन सोन (रोहतास) शनिवार को बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप व धर्मेंद्र सहनी के नेतृत्व में मछुआरा समाज रोहतास औरंगाबाद सहित अन्य जिले के समितियों के सैकड़ों मछुआरे समाज के महिला पुरुष सदस्यों ने रोहतास जिले के इन्द्रपुरी बांध के समीप जलाशय में खुली डाक से बंदोबस्ती पर रोक लगाने के लिए एक दिवसीय जल सत्याग्रह धरना दिया गया। जिसकी अध्यक्षता डेहरी वार्ड पार्षद सोनू चौधरी और संचालन आनंद चौधरी ने की। इस दौरान मछुआरे समाज के लोगों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ अपने हाथों में बैनर पोस्टर और तख्तियां लिए हुए जमकर नारेबाजी किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने संबोधित करते हुए कहा कि बिहार जलकल प्रबंधन अधिनियम 2006 की धारा 7 के आलोक में प्रखंड स्तरीय मत्स्य जीवी सहयोग समिति के साथ जलकरो की बंदोबस्ती वार्षिक निर्धारित सुरक्षित जमा पर करने का प्रावधान है। परंतु राज्य के जलाशयों की सरकार द्वारा खुली डाक से बंदोबस्ती की जा रही है। जिसके खिलाफ हमलोग यहां पर जल सत्याग्रह एक दिवसीय धरना दे रहे है। मुख्यमंत्री की नीतियों के खिलाफ सत्याग्रह कर जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि मछुआरों के हितों से सरकार खिलवाड़ न करें। सरकारी नियमों को ताक पर रखकर राज्य के जलाशयों की खुली डाक से बंदोबस्ती करना बंद करें। कहा कि सरकार यह कैसा रोजगार सृजन कर रही है कि मछुआरों से परंपारिक रोजगार छिनने का काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर हमारी मांगों में खुली डाक से बंदोबस्ती पर रोक नहीं लगाया जाता है पूरे बिहार में जल सत्याग्रह आंदोलन के साथ धरना प्रदर्शन किया जायेगा। सरकार जल्द से जल्द इन्द्रपुरी बांध सहित अन्य प्रदेश के जलाशयों की नीलामी बंद कर मत्स्यजीवी सहयोग समितियों के साथ बंदोबस्त करें। बिहार जलकर प्रबंधन अधिनियम के अनुसार सभी जलाशयों को प्रखण्ड स्तरीय मछुआ समितियों के साथ बन्दोबस्त करने का प्रावधान है,लेकिन जलाशयों, तालाबों एवं सदाबहार नदियों की बन्दोबस्ती खुली डाक से कर रहा है।
मौके पर कॉफ्फेड के जिलाध्यक्ष मुकेश चौधरी , वार्ड पार्षद सोनू चौधरी, सरैयां पंचायत मुखिया संजय चौधरी, वीआईपी नगर अध्यक्ष राजु चौधरी, वीआईपी नेता लल्लू चौधरी, गॉधी चौधरी, औरंगाबाद वीआईपी नेता राजेश चौधरी, अमल चौधरी, राजेन्द्र चौधरी, धरमू चौधरी, ओनम देवी सहित अन्य सैकड़ों लोग थे।