प्रशान्त परासर, डिजिटल डेस्क, डेहरी ऑन-सोन। कोटा में हो रहे आत्महत्याओं की घटनाओं छात्र आहत है। पुलिस ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान के तहत कोचिंग हब कोटा के हॉस्टल और पीजी आवास में रहने वाले छात्रों में अवसाद या तनाव के किसी भी लक्षण का पता लगाने के लिए वार्डन, मेस कर्मचारियों और टिफिन सेवा प्रदाताओं की मदद ले रहा है।
जबकि वार्डन को ‘दरवाजे पे दस्तक’ अभियान में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। शहर पुलिस ने मेस कर्मियों और टिफिन प्रदाताओं से आग्रह किया है कि यदि कोई छात्र बार-बार मेस से अनुपस्थित रहता है और भोजन या किसी और का भोजन छोड़ रहा है तो वे रिपोर्ट करें।
‘दरवाज़े पर दस्तक‘ अभियान
कोटा के एएसपी चंद्रशील ठाकुर ने बताया कि कोचिंग के बाद छात्र अपना अधिकतम समय हॉस्टल में बिताते हैं और इसलिए वार्डन को संकेतों पर ध्यान देने वाला पहला व्यक्ति होना चाहिए। हमने ‘दरवाजे पे दस्तक’ नाम से एक अभियान शुरू किया है। जहां हम वार्डन को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे रात के करीब 11 बजे प्रत्येक छात्र के दरवाजे पर दस्तक दें, उनसे पूछें कि क्या वे ठीक हैं, उनकी गतिविधियों पर ध्यान दें और उन पर नजर रखें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि तनाव, अवसाद या असामान्य गतिविधि के कोई लक्षण नहीं हैं।
ज्ञात हो कि इंजीनियरिंग के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना 2.5 लाख से अधिक छात्र कोटा जाते हैं।