डेहरी आन सोन ( रोहतास) संवेदना न्यूरो साइकाइट्रिक रिसर्च सेंटर ने स्वयंसेवी संगठन उषा श्याम फाउंडेशन के माध्यम से अब तक 9 लाख से अधिक मनोरोगियों को चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने का रिकॉर्ड कायम किया है । संस्था के 27 में स्थापना दिवस के अवसर पर मनोचिकित्सक डॉ उदय कुमार सिन्हा ने मंगलवार रात कहीं। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विभिन्न मुद्दों और पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने समाज के हर तबके के लोगों को मानसिक रोगों के प्रति के जागरूक बनने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोरोना कल के बाद समाज के हर तब के और हर उम्र के लोग मानसिक परेशानियों से ग्रसित हुए हैं ।जो चिंताजनक है। आज जिस तेजी से अपने देश में मनोरोगी बढ़ रहे हैं उसके अनुरूप इलाज के लिए हमारे पास मनोचिकित्सक नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत में आत्महत्या की दर पूरे विश्व का 17 फीसद एवं पूरे एशिया का 60 फीसद है ।जो चिंताजनक है। कार्यक्रम का शुभारंभ का शुभारंभ डॉ सिन्हा ने अपने गुरुओं के बारुण के पूर्व प्रधानाध्यापक हजारी सिंह वी देवनंदन सिंह को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। मौके पर पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह, प्राचार्य दिग्विजय सिंह ,पूर्व वार्ड पार्षद वरमेश्वर नाथ उर्फ काली बाबू, अधिवक्ता कमल सिन्हा ,डॉ रामजी प्रसाद, रंजीत भौमिक, वार्ड पार्षद रंग लाल यादव आदि मौजूद थे।
विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस: खुदकुशी बुजदिली का काम , मौत नहीं कोई हल, जिंदगी को लगाए गले
पलक झपकते ही जीवन में हर कुछ हासिल कर पाने की तमन्ना लोगों की जान ले रही है। जिले में हाल में आए आत्महत्या के कुछ मामले दर्शाते हैं कि आखिर किस प्रकार नकारात्मक लोगों के ऊपर हावी हो रही है। महिला कॉलेज सभागार में उषा श्याम फाउंडेशन व कालेज एन एस एस इकाई के सौजन्य से विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस के मौके पर मनोचिकित्सक डॉ उदय कुमार सिन्हा ने उक्त बातें मंगलवार को कहीं। उन्होंने कहा कि आज का युवा सपनों में जी रहा है पलक झपकते जीवन में हर कुछ हासिल करने की तमन्ना पाल लेता है। इस होड़ में जरा सी नाकामिया अखरने लगती है इस वजह से मानसिक तनाव का शिकार होकर अपनी जिंदगी दांव पर लगा देता है। सभ्य समाज के लिए यह कलंक है । उन्होंने कहा कि आत्महत्या बुजदिली का काम है। नकारात्मक विचारों को त्यागे और जिंदगी को गले लगा कर जीवन जीना सीखें। मनोचिकित्सक डॉ मालिनी राय ने कहा कि सकारात्मक विचार हमारे दिमाग में डोपामाइन व नोरपेनेफिरन जैसे रासायनिक द्रव को सक्रियता से बढ़ाते हैं। जिससे व्यक्ति को खुशी एवं आनंद की अनुभूति होती है। समाजशास्त्र विभाग की व्याख्याता कुमारी नीतू ने कहा कि सकारात्मक सोच तनाव को ऊर्जा में रूपांतरित करके व्यक्ति की ताकत बना देते हैं। नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें योग प्राणायाम समेत अच्छा साहित्य पढ़ना चाहिए। घर के बच्चों के स्वभाव में परिवर्तन दिखाई दे तो उनकी बातो को धैर्य से सुन समाधान करना चाहिए ।आदत नकारात्मक प्रवृत्ति आदि मनोवैज्ञानिक लक्षणों को कदापि हम अनदेख ना करें। आवश्यकता पड़ने पर मनोचिकित्सक की सलाह भी जरूर लें। पूर्व विधायक सत्यनारायण सिंह ने मन में नकारात्मक विचार आने लगे तो तत्काल अपने करीबी या अजीज दोस्त के अलावा परिवार के किसी सदस्य इस बातों को साझा करें। यदि फिर भी अगर बार-बार ऐसा विचार मन में आए तो उम्मीद का दामन जोर से पकड़ ले और नकारात्मक विचारों को त्याग कर जिंदगी को गले लगाना सीखें। अध्यक्षता प्राचार्य दिग्विजय सिंह व संचालन मनोविज्ञान विभाग के आशुतोष कुमार ने की। मौके पर सभी शिक्षक कर्मचारी व छात्राएं मौजूद थी।इस मौके पर कालेज में पौधारोपण भी किया गया ।