
सासाराम। जिले में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए अधिकारियों ने कई विद्यालयों को गोद लिया था। किन्तु इन गोद लिए गए विद्यालय का हाल भी बुरा है। हालत यह है कि कई अधिकारियों को यह भी पता नहीं है कि उन्होने किस विद्यालय को गोद लिया है। इसे से यह अनुमान लगाया जा सकता है कि जिले के अधिकारी शिक्षा के प्रति कितना जागरूक हैं।
ज्ञात हो की सरकारी विद्यालयों की बेहतरी के लिए जिला प्रशासन और जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सरकारी विद्यालयों को गोद लेने का एक साल पहले निर्देश दिया गया था। इसके बाद जिले के 15 से अधिक सरकारी विद्यालयों को जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा गोद लिए गए। ऐसे में इन गोद लिए गए विद्यालयों में नाम मात्र के सुधार देखने को मिला है। कई अधिकारी ऐसे हैं जो अपने गोद लिए विद्यालय में नहीं पहुंचे हैं। इस स्थिती में सरकारी विद्यालय में शैक्षनिक व्यवस्था के साथ-साथ सफाई, स्वच्छ जल, साफ-सुथरा शौचालय, बेहतर ब्लैक बोर्ड, स्मार्ट क्लास, पुस्तकालय आदि जैसे मूलभूत सुविधाओं को बेहतर करने के उद्देश्य से सरकारी विद्यालय को गोद लेने के फरमान का क्या होगा।
डीएम के गोद लिए स्कुल की व्यवस्था सुधरी है।
डीएम ने सासाराम टाउन स्कुल को गोद लिया है। गोद लेने के बाद विद्यालय में सुधार देखने को मिल रहा है। शिक्षक व छात्रों के लिए पीने के पानी हेतु आरओ की व्यवस्था की गई है। 9 से ज्यादा शौचालय चालू हालत में है। विद्यालय परिसर में साफ-सफाई रहती है। जब भा डीएम को समय मिलाता है वे विदेयालय के विकार और शैक्षनिक कार्यों की समीक्षा करते हैं। यह एकलौता स्कूल हैं जहां शिक्षकों के पास लेशन प्लान है।