अवनीश मेहरा, डेहरी ऑन सोन। केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित कृषि कानून किसानों के हित में है ।इसके विरोध में जो कथित किसान आंदोलन कर रहे हैं वह किसानों के नहीं उनके स्वार्थ निहित है ।लोजपा नेता रामेश्वर चौरसिया ने बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री के लोकसभा में दिए गए वक्तव्य से यह स्पष्ट हो गया है कि पंजाब हरियाणा के कथित किसान आंदोलनकारी नेता अनाज की दलाली करते हैं ।उन्होंने कहा कि इस बिल के अनुसार किसान अपना अनाज सीधे किसी को भी बेच सकता है उसे किसी भी बिचौलिए की जरूरत नहीं होगी ।
उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पिछले साल हुई फसल का किसानों से मात्र 30 से 40% ही खरीदा ।राज्य के किसान अपना अनाज बाहर भेजने को मजबूर हुए। जबकि छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश की सरकारों ने वहां के किसानों की फसल का 70 से 80% अनाज निर्धारित मूल्य से ऊंचे दाम पर खरीदा ।वहां के किसान खुशहाल हैं ।बिहार सरकार से मांग की कि सरकार एजेंसियों से खरीदी में भ्रष्टाचार व बिचौलियों को खत्म करें ताकि किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके। उन्होने कहा कि आंदोलनकारियों को सरकार से बैठकर बिल की खामियों पर बात करनी चाहिए ताकि सरकार उसे दूर कर सकें ।इस तरह के आंदोलनों से देश का नुकसान होता है प्रेस वार्ता में उनके साथ भाजपा नेता कालेंद्र वर्मा और जितेंद्र कुमार सिंह आदि मौजूद थे।