पिछले दो दिनों में 100 एमएम से ज्यादा वर्षा हुई है, जिसका सबसे ज्यादा असर दुर्गावती जलाशय परियोजना पर पड़ा है। 2014 में बनकर पुरी हुई इस परियोना में पहली बार जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंचा है। बांध के परमेट में दरार आने के बाद अधीक्षण अभियंता अजय कुमार सिंह ने कार्यपालक अभियंता आफताब आलम को बांध की 24 घंटे निगरानी का निर्देश दिया है। मंगलवार को 24 घंटों में 45 मिली मीटर वर्षा के बाद बुधवार को यह रिकॉर्ड 60 एमएम के आस पास पहुंच गया। दुर्गावती नदी के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा हुई जिससे उसकी सहायक नदीयां भी उफान पर आ गई है। डैम के बांध पर जलस्तर का दबाव बढ़ रहा है। विभाग ने बांध पर आने-जाने वालों को रोक रखा है।बोरियों में बालू भरकर परमेंट में आने वाले दरार को भरने का निर्देश दिया गया है। दुर्गावती, धनसोत, काव धर्मावती,गोरेया और कुदरा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। शिवसागर के मलदाहां सहित आस पास के गांवों में धनसोत नदी का पानी भरा पड़ा है। चेनारी-शिवसागर स्टेट हाईवे पर दो फीट पानी सड़क के ऊपर बह रहा है। गोरेया नदी ने परसथुआं इलाके में आधा दर्जन गांवो का संपर्क मुख्यालय से तोड़ डाला है कोचस इलाके में धर्मावती नदी का तांडव एक दर्जन गांवों में देखने को मिल रहा है।काव ने बिक्रमगंज अनिमंडल के दावथ और सुर्यपुरा प्रखंडों में भारी तबाही मचाई है। पांच हजार हेक्टेयर से ज्यादा खेत में खड़ी फसल बाढ़ में डूबी हुई है।