डिजिटल टीम, पटना/वाराणसी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार साल 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में एक चुनावी सभा को संबोधित करने वाले हैं। 24 दिसंबर को रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में एक सार्वजनिक सभा होने जा रहा है। यह विधानसभा क्षेत्र पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी का एक हिस्सा है। बिहार के मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी श्रवण कुमार ने इस कार्यक्रम की पुष्टि की है। मिली जानकारी के अनुसार, बिहार के सीएम नीतीश कुमार की रैली के लिए स्थल को अंतिम रूप देने के लिए नीतीश कुमार के खास नेता श्रवण कुमार ने कुछ स्थानीय नेताओं के साथ शनिवार को रोहनिया का दौरा किया था।
इस जनसभा में यूपी के पूर्वांचल एरिया के पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं के मौजूद रहने की बात कही डा रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव की तैय़ारी मानी जा रही इस रैली को यूपी में नीतीश कुमार की पहली रैली माना जा रहा है। मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि बनारस के अलावा पूर्वांचल के अन्य जिले जैसे आजमगढ़, प्रतापगढ़, प्रयागराज, फूलपुर, अंबेडकर नगर और मिर्जापुर पर जदयू फोकस कर रही है। जदयू नेता सत्तारूढ़ भाजपा पर लगातार तंज कस रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा जाति औऱ धर्म की राजनीति करती है। जदयू नेता कांग्रेस को भी निशाने पर ले रहे हैं। उनका कहना है कि इंडिया गठबंधन के कुछ नेताओं की गलती के कारण लोकसभा चुनाव की रणनीति तैयार करने में देरी हुई।
रोहनिया है पटेल (कूर्मी) बाहुल्य विधानसभा क्षेत्र
गौरतलब है कि बनारस का रोहनिया सीट में पटेलों की संख्या सबसे ज्यादा है। 2012 के बाद के सभी चुनाव में इस जाति के लोगों ने चुनावी हार जीत में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। साल 2012 में अनुप्रिया पटेल ने संयुक्त अपना दल के उम्मीदवार के तौर पर यह सीट जीती थी। 2014 के चुनाव में सपा के महेंद्र सिंह पटेल ने चुनावी जीत हासिल की। जबकि 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के सुरेंद्र नारायण सिंह यहां से निर्वाचित हुए थे। साल 2022 में बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) के उम्मीदवार सुनील पटेल ने अपनी जीत दर्ज कराई।
जद (यू) नेता का कहना है कि विधानसभा चुनावों के रिजल्ट के बाद भी दल को अब यह भ्रम नहीं होना चाहिए कि वह एकमात्र पार्टी है जो बीजेपी को हराना चाहती है क्योंकि अन्य दल भी इसमें सक्षम हैं। कहा कि नीतीश कुमार की यूपी में चुनाव से पहले रैलियों को तेवर के रूप में समझा जाएगा। जदयू नेता यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं और वह राज्य में अच्छे प्रदर्शन को लेकर काफी आश्वस्त दिख रहे है।