
डेहरी ऑन सोन। क्षतिग्रस्त होकर बंद पड़े पाली – मकराइन रेलवे ओवर ब्रिज का मुद्दा एक बार फिर धार पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। इस बाबत रविवार 7 अप्रैल को 12 बजे दिन में शिव कृष्ण मैरेज हॉल में ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन डेहरी अनुमंडल कमिटी के तत्वाधान में डेहरी एवं अकोढ़ी गोला प्रखंड के आधे दर्जन पंचायतों से जुड़े छोटे बड़े चार दर्जन गांवों से जुड़े प्रमुख समाजसेवी, युवा, जीते व हारे जनप्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण जुटान बैठक हुई। जिसमें करीब दो सौ से अधिक स्थानीय प्रभावशाली ग्रामीण लोगों ने हिस्सा लिया !
लोक सभा निर्वाचन प्रक्रिया आरंभ हो चुकने के बीच ही इस मुद्दे को लेकर यहां के स्थानीय लोग अक्रोशित और आर पार के मूड में गोलबंद होते नजर आ रहे हैं और इस मुद्दे पर किसी की भी एक सुनने को तैयार नहीं हैं। इस गहमा गहमी भरे बैठक में ज्यादातर लोगों को यही कहते सुना गया कि आखिर हम किसलिए और किसी को भी वोट देने क्यों जाएं जब हमारी खुद की जिंदगी बिना चारदीवारी की कैद वाली जेल में व्यतीत हो रही है और वो भी जब कोई भी राजनीतिक दल या नेता को पिछले साल भर से यह कठिनाई उसके आंखों में नहीं दिख पाई हो ।
लोग इस बात से ज्यादा व्यथित और हताश दिखाई दे रहे थे कि इस धंसे क्षतिग्रस्त होकर बंद पड़े पाली मकराईन पुल की दुर्दशा का जिम्मेदार दोनों ही प्रमुख गठबंधन के सिरमौर राजनीतिक दल और नेता रहे हैं तो फिर आखिर हम किस से उम्मीद करें और कहां और किसलिए जाएं और किसको जिताएं किसको हराएं ।
घंटों चले इस मैराथन वाद विवाद पूर्ण लेकिन नियंत्रित चर्चा में कई लोगों को यह कहते सुना गया कि बिहार के एक बड़े नेता के रेल मंत्री रहते इस आर ओ बी का भेदभावपूर्ण ठेका हुआ और जंगलराज में स्थानीय ठेकेदार सप्लायरों ने इंजीनियरों अधिकारियों को पंगु बनाकर घटिया निर्माण सामग्री और दोषपूर्ण निर्माण को अंजाम दिया और बगल में बहने वाली सोन नदी और नीचे की भूगर्भिक स्थिति का पुख्ता आकलन किए बगैर पिलरों को जैसे तैसे खड़ा करवा दिया तो वहीं दूसरे गठबंधन के बालू खनन एवं ट्रांसपोर्ट माफियाओं के तथाकथित सुशासन में ट्रकों की क्षमता से बहुद ज्यादा की लदाई कर सैकड़ों बालू भरे ट्रकों को एक साथ पुल पर रात रात भर खड़े करवाकर तस्करों की पंचायत होती रही जिसका नतीजा ये हुआ कि आज साल भर पहले पुल बैठ गया और पूरी तरह से यहां तक की पैदल पार गमन के लिए प्रतिबंधित हो गया है ।
लोग दर्द भरे स्वर में कहते नजर आए कि डेहरी अनुमंडल का पूरा उत्तरी हिस्सा बल्कि कहें तो नासरीगंज बिहटा दनवार तक सोन तटीय तीस किलोमीटर की लम्बी आबादी क्षेत्र के हिस्से की अर्थव्यवस्था को डेहरी अनुमंडल मुख्यालय बाजार व जीटी रोड फोर लेन से संपर्क जोड़ने वाली संपर्क राजकीय पथ का गला घोंट कर रख दिया गया है । बैठक विमर्श में यह कहते सुना गया कि सच्चाई तो यही है कि हमारे दुख और कष्टों की अनुभूति किसी पार्टी और नेता को रत्ती भर भी नहीं है ।
दूसरी तरफ संसदीय प्रक्रिया और चुनाव का दशकों तक बहिष्कार कराने वाली पार्टी और फिर उसी कीचड़ में उतर कर भी अपने को जनसंघर्षों की परंपरा का असली दावेदार बताने वाली वही पार्टी में जो कुछेक साल पहले तक बिहार विधान परिषद के चुनावों से अपने विधायकों को दूर रखती थी और बहिष्कार करते हुए विधान परिषद को हमेशा के लिए समाप्त करने की मांग करने का ढोंग करती थी ।इस बार लार टपकाते हुए अपनी प्रतिनिधि को भेजने हेतु हर तिकड़म अपनाकर आखिरकार सफल हो गई। विधायक सांसद बनने के लिए चुनाव लड़ने वाला किसी भी नेता ने किसी भी सदन में कभी भी कोई आवाज नहीं उठाया जिसका नतीजा हम सभी सौ से ऊपर गांव के लोग भुगत रहे हैं !
बैठक में शामिल अमूमन सभी लोगों ने दोनो गठबंधन के लोगों नेताओं पार्टियों से अपनी समान रूप से अक्रोश भरी नाराजगी जताई, और इस मुद्दे पर नेताओं को सबक सिखाने का मूड बनाते हुए दिखे !
ज्ञातव्य हो कि ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन की डेहरी अनुमंडल इकाई के अध्यक्ष एवं पूर्व मुखिया हरिशंकर प्रसाद सिंह के नेतृत्व में बंद पड़े पाली मकराईन रेलवे ओवर ब्रिज के मुद्दे को लेकर अनवरत लगातार आंदोलन चलाया जा रहा है और इस हेतु अनेकों बार धरना प्रदर्शन घेराव डेलिगेशन का कार्यक्रम चलाया गया जिसमें हजारों की संख्या में इस इलाके के लोग लगातार शामिल होते रहें । इस बाबत पूछने पर आन्दोलन के नेता हरिशंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि इसके लिए हम लोग लगातार लड़ रहे हैं और अनगिनत आंदोलन के कार्यक्रम किए हैं।डीआरएम मुगलसराय से मिलकर ज्ञापन देने के बाद कुछेक आंशिक तौर पर सफलता भी मिली और अस्थाई कच्ची ही सही छोटे वाहनों का आवागमन किसी तरह चालू हुआ लेकिन वह बेहद खतरनाक है और मुख्य मुद्दा अभी भी जस का तस है और पुल अभी भी बंद है और हम सभी सैकड़ों गांव के लोग जेलनुमा जीवन व्यतीत कर रहे हैं, पढ़ने वाले बच्चे बच्चियां साइकिल हांथ में उठाकर पांच हाई स्पीड रेलवे ट्रैक पार करके स्कूल कालेज कोचिंग जाने और वापस आ रहे हैं जिसमें अब तक छह लोगों की मौत ट्रेन से कटकर हो चुकी है ! पूरा इलाका डेहरी बाजार से कट चुका है, बाजार के व्यवसाई इस इलाके के लोगों से खरीद बेंच के व्यवहार से वंचित हैं उनका कारोबार चौपट है, हम अपनी सब्जी दूध उपज फसल लम्बी दूरी तय कर अधिक लागत और कम दाम पर बेचने के लिए दूसरे जगह जाने को मजबूर हैं, दूसरा पुराना और दुष्कर विकल्प मथुरी पुल सहित अन्य मार्गों और ग्रामीण सड़कों पर वाहनों और ट्रैफिक का दबाव बुरी तरह से पड़ रहा है, घंटों धूप धूल में जाम पतली सड़कों का कचूमर निकल चुका है लेकिन कोई भी इस मामले पर मदद तो छोड़िए एक बयान तक नहीं दे रहा है ! उन्होंने कहा कि प्रभावित व्यथित अक्रोषित आम जन हताशा में चुनाव से दूर रहने की बात करना शुरू कर दिए हैं पर हम सभी एकजुट हैं और हिम्मत से संघर्ष को आगे बढ़ाएंगे और जीत हासिल करेंगे ! आगे उन्होंने ये कहा कि अभी हम लोग सभी गांवों में जाकर इस मुद्दे पर व्यापक विमर्श करेंगे और जो सभी की राय होगी उसी के अनुसार कोई भी निर्णय लिया जाएगा !
बैठक में मुख्य रूप से फेडरेशन के अनुमंडल अध्यक्ष हरि शंकर प्रसाद सिंह, सचिव ददन सोनी, सहायक सचिव वीरेंद्र सोनी, अमरेंद्र भास्कर, धनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष उजाला कुमार, अजीत कुमार सिंह,चंद्रमा प्रसाद, कोषाध्यक्ष संजय कुमार एवं सनोज कुमार सिंह,हरेंद्र कुमार, मुकेश गुप्ता, प्रतिनिधि सियानंद पासवान, उमेश पासवान, कृष्णा गुप्ता उर्फ सर जी, सुशील कुमार सिंह पैक्स, हरिनारायण सिंह,अजय कुमार,शिवकुमार सिंह, विजय पाल, सहित अन्य सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल थे।