
डिजिटल दौर में भी बांस-बल्ली के सहारे खेतों तक हो रही बिजली की आपूर्ति
नासरीगंज (रोहतास) । काराकाट प्रखंड क्षेत्र में जर्जर व लटक रहे 11 हजार वोल्ट के तार में शार्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है। गुरुवार को मोहनपुर के बधार में शार्ट सर्किट से गेंहू की खड़ी फसल में आग लग गई, वहीं एक दिन बाद शुक्रवार को भी थोड़े दूरी पर ही बेदवालिय गांव के बधार में शार्ट सर्किट से आग लग गयी। जिससे 50 से 60 बीघा गेहूं और चना की खड़ी फसल जलकर राख हो गई। प्रखंड क्षेत्र के दोनों बधार में तेज हवा के कारण विद्युत तार आपस में टकरा गई और शार्ट सर्किट हो गई जिससे खड़ी गेहूं की फसल में अचानक आग की तेज लपटे उठने लगी । तेज हवा के कारण आग कि लपटे इतनी तेज थी की ग्रामीण किसान आग पर काबू नही कर सके । ग्रामीणों ने बताया की अधिकारियों द्वारा एक फायर ब्रिगेड का नंबर जारी किया गया है लेकिन उसपर कॉल करने पर नही लग रहा है, जारी किया गया नंबर पर कॉल करने पर बता रहा है की इस नंबर पर रिचार्ज नही है। जिसके बाद किसान आनन फानन की स्थिति में पंचायत के मुखिया योगेंद्र सिंह को आग लगने की सूचना दी। मुखिया ने कहा की सूचना पाते ही हमने अनुमंडल पदाधिकारी अनिल बसाक से बात कर आग लगने की सूचना देते हुए फायर ब्रिगेड की बड़ी गाड़ियों की मांग कि । सूचना पर पहुंचे दमकलकर्मियों ने ग्रामीणों के सहयोग से घंटो प्रयास के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया । लेकिन तब तक दर्जनों किसानों की फसल जल कर राख हो गई । मौके पर पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी राहुल कुमार सिंह, अंचलाधिकारी रितेश कुमार, थानाध्यक्ष फूलदेव चौधरी, पंचायत मुखिया योगेंद्र सिंह ने आग लगी की घटना का जांच पड़ताल किया । वहीं ग्रामीणों कि माने तो 11 हजार वोल्ट के तार में शार्ट सर्किट आए दिन हो रही है जिससे किसानों की खेतों में लगी गेहूं की फसल में आग पकड़ ले रही है। फिरभी बिजली विभाग इसपर कोई संज्ञान नही ले रही है। काराकाट मुखिया योगेंद्र सिंह ने बिजली विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा की प्रखंड क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही के वजह से किसान परेशान है, जहां किसानों द्वारा खून पसीना और मेहनत कर फसल लगाई जाती हैं । लेकिन बिजली विभाग की लापरवाही कि वजह से गरीब किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया जा रहा हैं। जिससे गरीब किसानों को काफी नुकसान सहना पड़ रहा है। उन्होंने जिलाधिकारी से मामले पर संज्ञान लेने व दोषी कर्मियों पर करवाई करने कि मांग की।
बता दे की काराकाट प्रखंड क्षेत्र में आज भी कई गाव के किसान अपने खेतों तक बस बल्ली के सहारे पटवन करने को मजबूर हैं। दरअसल सरकार जहां किसानों की खेती को बढ़ावा देने के लिए मुफ्त बिजली कनेक्शन दे रही है, वहीं अधिकारी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को भी अपनी कर्तव्य से सवालों के घेरे में खड़ा कर रहे हैं। इस डिजिटल दौर में काराकाट प्रखंड के मोथा, संसार डिहरी, रघुनाथपुर, जाहनपुरा जैसे कई गांव में अभी भी बांस बल्ली के सहारे किसान अपने घरेलू बिजली से खेतों तक केबल खींचकर ले गए हैं। बांस बल्ली के सहारे गई मौत की इस लाइन से हर पल खतरा बना रहता है। बिजली विभाग की लापरवाही समय समय पर लोगों के ऊपर भारी पड़ते रहती हैं। कभी कभी तो लोग बिजली विभाग की लापरवाही के वजह से जान भी गवा बैठते है। आधारभूत संरचना की घोर कमी से आए दिन जान-माल की क्षति होते रहती है। कहीं जर्जर तार पर बिजली के करंट दौड़ रहे हैं तो कहीं बांस बल्ली के सहारे खेतों तक बिजली ले जाकर मौत को आमंत्रण दिया जा रहा है। कुछ ऐसा ही नजारा काराकाट प्रखंड क्षेत्र के कई गावों में देखने को मिल रहा है। यहां के किसान खेतों में पटवन के लिए बांस बल्ली के सहारे विद्युत आपूर्ति करने को विवश है। जहां किसानों की खेतों में विद्युत प्रवाहित झूलते तार कभी भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकता है। वजह है बांस बल्ली के सहारे सिंचाई करने को खेतों तक बिजली ले जाना। ऐसी स्थिति में तेज हवा बहने पर आपस में विद्युत प्रवाहित तार टकराकर खेतों में गिरने की भी संभावना बनी रहती है। इधर, प्रखंड के दर्जनों किसानों का कहना है कि कभी कभी पटवन कर रहे ट्यूबवेल बोरिग का मोटर पंप सेट भी वायर टकराने से जल जाता है। लेकिन संबन्धित विभाग इस समस्या का कोई निदान नहीं निकाल रहा है। ज्ञात हो की काराकाट प्रखंड की लगभग खेती ट्यूबवेल पर आधारित है। किसानों ने बताया कि इसके लिए विद्युत कनेक्शन ले रखा है, लेकिन विभाग द्वारा अब तक विद्युत आपूर्ति की आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं कराई गई है। जिस कारण खेतों में पटवन के लिए उन्हें बांस बल्ली के सहारे ट्यूबवेल तक विद्युत आपूर्ति करनी पड़ती है, जिससे खतरे की संभावना बनी रहती है। दीमक लगने से बांस बल्ली आए दिन टूटकर गिरती रहती है। उपभोक्ता इस बात को लेकर तनाव में रहते हैं। शिकायत के बाद भी समस्या जस की तस बनी हुई है। किसान रामप्रवेश गिरी, संतोष पाण्डेय, गुड्डू सिंह, काली शर्मा, लखीचंद चंद्रवंशी, मनोज पांडेय, कृष्ण राम, महेंद्र राम, रामजी पांडेय, रामजी महतो, विशेंद्र सिंह, राज बहादुर चंद्रवंशी, ददन पाण्डेय समेत अन्य ने कहा कि किसान हजारों रुपयों का विद्युत विपत्र का भुगतान प्रतिवर्ष करते हैं लेकिन विभाग द्वारा खेतों तक पोल व तार की व्यवस्था नहीं की गई। किसानों ने कहा कि इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित अधिकारियों को दर्जनों बार ध्यान आकृष्ट कराया गया, लेकिन अबतक कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब देखना होगा कि प्रखंड की इस विकट समस्या से किसानों को कब तक निदान मिल पाता हैं।
इन किसानों की फसल जल कर हुई राख:
सुरेंद्र सिंह, दशरथ सिंह, अरुण सिंह, मोहन सिंह, मंगल सिंह, ललन सिंह, वीरेंद्र सिंह, कलेक्टर सिंह, जमुना सिंह, अवधेश सिंह, मनोज सिंह, कृष्णा सिंह, भिखारी सिंह, दुर्गा सिंह, दशरथ सिंह, निर्मल सिंह सहित दर्जनों किसानों की फसल जल कर राख हो गई है।विधुत सहायक अभियंता राजू कुमार ने कहा कि क्षेत्र के किसानों के खेतों तक तार-पोल व अलग ट्रांसफॉर्मर लगाने की व्यवस्था किसानों द्वारा आवेदन आने के बाद किया जाएगा।