डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। आज पूरे देश में काराकाट संसदीय क्षेत्र की चर्चा है। चर्चा इसलिए है कि एऩडीए के प्रत्याशी उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ भोजपुर गायक पवन सिंह निर्दलीय ताल ठोकने के लिए तैयार है। चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद यह क्षेत्र चर्चा में आ गया। यह संसदीय क्षेत्र 2009 के परिसीमन के पहले बिक्रमगंज के नाम से जाना जाता था। जहां से कांग्रेस के दिग्गज नेता अवधेश सिंह ने जीत हासिल की। कभी सहकारिता सम्राट के तौर पर जाने जाने वाले तपेश्वर नारायण सिंह ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया तो उनके बेटे अजीत सिंह और बहू मीना सिंह भी यहां से सांसद रहीं। लेकिन क्या आपको पता है कि काराकाट कौन से जगह पर है। यह सीट कहां कहां तक फैला हुआ है। इसका इतिहास क्या है? कौन कौन सा महत्वपूर्ण शहर इसमें आता है। काराकाट कौन सी जगह पर है। आईए जानते हैं शुरू करते हैं काराकाट के इतिहास से। काराकाट रोहतास जिले के बिक्रमगंज अनुमंडल का एक प्रखंड है। जिसका मुख्यालय कुछ किलोमीटर दूर गोड़ारी में स्थित है। स्थानीय पत्रकार पार्थसारथी पाण्डेय बताते हैं कि काराकाट मूल रुप से एक पंचायत मात्र है। जबकि इसका मुख्यालय गोड़ारी नगर पंचायत है। इस क्षेत्र में रोहतास जिले के डेहरी, काराकाट और नोखा विधानसभा क्षेत्र आता है। तो दूसरी और सोन नद् के दूसरी ओर औरंगाबाद जिले के ओबरा, नबीनगर और गोह विधानसभा क्षेत्र आते है। इस संसदीय क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण शहर डेहरी-ऑन-सोन शहर है। जो डालमियानगर शहर और एक समय में देश के सबसे बड़े रेलवे ब्रिज के कारण पूरे देश में जाना जाता था। इसी शहर डेहरी-ऑन-सोन में रोहतास जिले का पुलिस मुख्यालय है। और यह शहर व्यवसाइक और प्रशासनिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआईजी का मुख्यालय इसी शहर में है। इसके अलावा सोन नहर प्रणाली की मॉनिटरिंग करने वाले जल संसाधान विभाग के बड़े अधिकारी इसी शहर में बैठते हैं। इसके अलावा बिक्रमगंज शहर इसी काराकाट संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है। जो अनुमंडल मुख्यालय है। जिसकी सीमा भोजपुर और बक्सर जिले से लगती है। आपको शायद पता हो कि चावल का कटौरा पूरे देश में शाहाबाद को जाना जाता है। नोखा इसके उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र रहा है। अब बात करते हैं औरंगाबाद जिले के काराकाट संसदीय क्षेत्र में आने वाले इलाके की। दाउदनगर बड़ा ऐतिहासिक शहर है। जहां पूराने किले और मजार मौजूद है। इसी दाउदनगर शहर की एक और खास बात यह है कि यहां एक गुरुद्वारा है। जो निर्माण कराकर सिख समाज को सौंपा जा रहा है। लेकिन एक भी सिख आस पास के इलाके में मौजूद नहीं है। पास के नबीनगर में एनटीपीसी और एनडीपीसीएल की बड़ी यूनिट का निर्माण हुआ है। जहां बिजली का उत्पादन होता है। जिसने नबीनगर इलाके की पूरी तस्वीर बदल दी है।