
डिजिटल टीम, डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। जिले के रोहतास प्रखंड के तारडीह गांव में चल रही रुद्र महायज्ञ में श्री श्री 1008 तपोमूर्ति योगीराज जंगली बाबा के तत्वाधान में चौथे दिन कथा सुनाते हुए पंडित सुरेश शास्त्री ने कहा कि ब्रह्म का संबंध माया के साथ होता है ।माया के पति मायापति हरि भगवान विष्णु हैं। संसार प्रभु की पुष्प- वाटिका है। उसकी रचना प्रभु की इच्छा माया ने की है। उन्होंने कहा कि प्रभु श्री राम लक्ष्मण अपने गुरु विश्वामित्र के साथ जनकपुरी में पहुंचे। जहां वैदेही जानकी जी की सुंदरता एवं स्वयंवर की जगह-जगह चर्चा होने से प्रभु श्री राम और उनके भाई लक्ष्मण भी वैदेही को देखने के लिए भारी आतुर थे । महामुनि विश्वामित्र ने यह बात समझ ली कि श्री राम और लक्ष्मण जानकी जी को देखना चाहते हैं । वह घड़ी आई जब जानकी जी को उनकी माता ने महागौरी की पूजा करने हेतु पुष्प वाटिका में भेजा ,तब महामुनि ने कहा है कि समय जानि गुरु आयसु पाई, लेन प्रसून चले दोऊ भाई। उसी समय विश्वामित्र ने श्री राम एवं लक्ष्मण को पूजा के लिए पुष्प लाने हेतु वाटिका में भेजा ,जहां श्री राम, लक्ष्मण ने सीता जी को देखा। सीता जी ने प्रभु राम को देखा और वह उसी क्षण मन ही मन प्रभु की समर्पित हो गई। धनुष यज्ञ में भगवान श्री राम ने समस्त देश की राजाओं की उपस्थिति में धनुष तोड़ा और वैदेही के साथ प्रभु का विवाह संपन्न हुआ। यह तो होना ही था क्योंकि भगवान विष्णु ने राम अवतार धारण किया एवं श्री महालक्ष्मी ने माता सीता का अवतार धारण किया। जो जीव इस धरा धाम में सुखी होना चाहता है उस पर लक्ष्मी नारायण भगवान की कृपा अवश्य होती है। आज के समय में दहेज रुपी धनुष को तोड़ना कठिन हो गया है । जिस प्रकार प्रभु श्री राम और वैदेही का विवाह दहेज के बिना हुआ । ठीक उसी प्रकार पूरे विश्व में दहेज के बिना विवाह करना श्रेष्ठ होगा । दहेज के बिना विवाह करने से परिवार जुड़ता है। दहेज लेकर विवाह करने से परिवार बिखरता है। आओ मेरी सखियां मुझे मेहंदी लगाओ मेहंदी लगाओ मुझे सुंदर सजाओ… भजन सुनकर श्रोताओं ने आनंद उठाया । मौके पर कमेटी के अध्यक्ष भोला यादव, सुनील यादव, शिव कुमार यादव, सुमेर यादव, आशीष यादव, उपेंद्र यादव, रविंद्र यादव, बबन यादव, पृथ्वी यादव, अशोक यादव, दिनेश उरांव, सूर्य देव सिंह, राम लायक उरांव एवं काफी संख्या में श्रद्धालुओं के भीड़ उमड़ी।