
डिजिटल टीम, पटना/डेहरी-ऑन-सोन। बिहार में बालू के अवैध कारोबार में संलिप्त आरोपियों की मुसीबत अब बढ़ने वाली है। इन आरोपियों की तलाश अब इओयू कर रही है। फिलहाल पटना, गया, भोजपुर और सारण समेत 13 जिलों के ऐसे 55 आरोपियों की सूची जारी कर उनके बारे में संबंधित अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों से पिछले दो साल के आपराधिक गतिविधियों की जानकारी मांगी है। प्रभात खबर की एक खबर के अनुसार इन 55 आरोपियों में दो मौजूदा विधान पार्षद, एक ही परिवार के कई लोगों के अलावा बालू खनन ठेकेदार ब्रॉडसन कॉमोडिटीज से जुड़े करीब दर्जन भर लोग शामिल हैं। इसके अलावा मेसर्स आदित्या मल्टीकॉम प्रालि, विधान पार्षद राधा चरण सेठ सहित रोहतास जिला के डेहरी के एक पत्रकार भी शामिल हैं। इओयू ने सभी एसपी से इन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर करने को कहा है। इओयू के पुलिस अधीक्षक ने 13 जिला के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को पत्र लिखकर आपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता की सूची बनाने का निर्देश दिया था। साथ ही विधि-व्यवस्था की समस्या सहित अन्य अपराध होने पर उसके विरुद्ध थाना में इंट्री कराते हुए और पूर्व के हुए इंट्री को सत्यापन कर उसकी सत्यापित प्रति भी मांगा था। इसे लेकर 10 जून को एक बैठक आयोजित हुई थी और ऐसे आपराधिक पृष्ठभूमि के आरोपियों पर विशेष नजर रखते हुये नियमानुसार कार्रवाई का निर्देश दिया गया था।
पटना समेत 13 जिलों में है बालू का अवैध कारोबार
बालू के अवैध कारोबार में राज्य के 13 जिले शामिल हैं। इनमें पटना, गया, भागलपुर, सारण, भोजपुर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, खगड़िया, लखीसराय, बांका, नवादा और जहानाबाद जिला शामिल हैं।
अब फर्जी इ-चालान से नहीं हो सकेगी ढुलाई
इधर, राज्य में बालू और पत्थर सहित किसी भी लघु खनिज की ढुलाई अब फर्जी इ-चालान से नहीं हो सकेगी। खान एवं भूतत्व विभाग ने इ-चालान को ऑनलाइन कर दिया है। इस कारण इ-चालान को अब कोई भी कहीं भी देख सकेगा। खासकर बैरियर पर इसकी जांच आसानी से हो सकेगी। इ-चालान को देखकर यह पता लगाया जा सकेगा कि चालान किसी गाड़ी के लिए जारी है और इसकी वैधता क्या है? कितनी मात्रा में कौन सा लघु खनिज कहां ले जाया जा रहा है? पिछले दिनों फर्जी इ-चालान और एक ही इ-चालान पर कई गाड़ियों में बालू ढुलाई का मामला सामने आया था। इन सभी को देखकर विभाग ने यह नयी व्यवस्था विकसित की है।सूत्रों के अनुसार फिलहाल 15 जून से 15 अक्तूबर तक बालू का खनन बंद है। 15 जून से पहले राज्य के कई हिस्सों में फर्जी इ-चालान को लेकर लगातार शिकायतें खान एवं भूतत्व विभाग को मिल रही थीं।