नई दिल्ली। श्री अरविंद महाविद्यालय (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय ने लेट्स डू इट इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर शुक्रवार, 2 अगस्त 2024 को “एक्सप्लोरिंग इंडिया- न्यूज़ीलैण्ड पार्टनरशिप फॉर अ सस्टेनेबल फ्यूचर” पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया। यह आयोजन कॉलेज के सेमिनार परिसर में हुआ और इसमें दोनों देशों के उद्योग और शिक्षा जगत के कई महत्वपूर्ण वक्ताओं ने भाग लिया। सम्मेलन में माननीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और माननीय शिक्षा राज्य मंत्री श्री जयंत चौधरी ने मुख्य अतिथि के रूप में अपनी प्रेरक शुभकामनाएं प्रेषित करके सम्मेलन की शोभा बढ़ाई। सम्मानित अतिथि के रूप में दिल्ली विश्वविद्यालय के दक्षिण परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह और ऑकलैंड बिजनेस चेम्बर के सीईओ श्री साइमन ब्रिजेज़ उपस्थित थे। न्यूजीलैंड से आए सभी प्रतिनिधियों का कॉलेज द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। श्री अरविंदो कॉलेज के गवर्निंग बॉडी की अध्यक्ष प्रो. रूपम कपूर ने प्रतिनिधियों और उपस्थित लोगों का स्वागत किया और अंतर्राष्ट्रीय संवाद और ज्ञान साझा करने के माध्यम से सहयोग को पोषित करने और स्थायी विकास की संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर दिया। श्री अरविंदो कॉलेज (सांध्य) के आईक्यूएसी के संयोजक प्रो. प्रग्येंदु, अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के संयोजक डॉ विनय कुमार पाण्डेय एवं आयोजन सचिव डॉ अनुपम पाण्डेय ने भी सम्मेलन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई , जिसने सम्मेलन में विचारशील चर्चाओं के दिन की शुरुआत की। विशिष्ट वक्ताओं में लेट्स डू इट इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक प्रो. पंकज चौधरी, रेडस्टोन वेंचर्स के प्रबंध निदेशक श्री रोहित आनंद, जनरल कैपिटल के प्रबंध निदेशक श्री ब्रेंट किंग, डगलस फार्मास्युटिकल्स से श्री नील हन्नार्ड, फ्यूचरवर्स के पार्टनरशिप महाप्रबंधक श्री एंडी हिग्स, आउटसेट वेंचर्स के प्रबंध निदेशक श्री मैट रोवे और अन्य शामिल थे।
अपने संबोधन में, दक्षिण परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के ऐतिहासिक और समकालीन महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में आपसी सहयोग के महत्व को रेखांकित किया और ऐतिहासिक व्यक्तित्वों और घटनाओं से उदाहरण देकर रणनीतिक साझेदारी के मूल्य को समझाया।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अमित सिंह ने भारत और न्यूजीलैंड के द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, स्थिरता के प्रति साझा प्रतिबद्धता और शैक्षिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लाभों पर जोर दिया। डीडी न्यूज़ के प्रसिद्ध एंकर और संपादक अशोक श्रीवास्तव ने जलवायु परिवर्तन के ज्वलंत मुद्दों और विकास प्रथाओं में सत्यनिष्ठा की आवश्यकता पर बात की और प्रतिभागियों से भ्रष्टाचार के खिलाफ और सतत प्रथाओं में संलग्न होने का आग्रह किया।
अपने प्रतिनिधियों की ओर से बोलते हुए श्री साइमन ब्रिजेज ने नए उभरते बाजार में पारदर्शिता, लोगों की भागीदारी और पुरस्कारों के केंद्रीय विषयों को रेखांकित किया। उन्होंने विविध ऊर्जा संसाधनों को महत्व देने और प्रौद्योगिकी और एआई का लाभ उठाने के महत्व पर जोर दिया। श्री बावे ने बताया कि अगले 25 वर्षों में ऑनलाइन शिक्षा में प्रगति, बॉलीवुड और क्रिकेट जैसे क्षेत्रों में सौदेबाजी और बुनियादी ढांचे और सड़क विकास में सुधार के कारण नौकरी की भूमिकाओं में महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। उन्होंने डीप फेक तकनीक द्वारा उत्पन्न चुनौतियों और मानवता के लिए संभावित खतरों के बारे में भी चिंताएं जताईं। इन परिवर्तनों को नेविगेट करने और संबंधित जोखिमों को कम करने के लिए नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन के समापन पर सभी आमंत्रित अतिथियों एवं वक्ताओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए प्राचार्य प्रो. अरुण चौधरी ने छात्रों से अपने व्यक्तिगत और पेशेवर विकास के प्रति प्रतिबद्ध और समर्पित रहने का आग्रह किया। उन्होंने अपने जीवन के मूल्यों एवं लक्ष्यों को व्यापक बनाने और राष्ट्रीय विकास में सार्थक योगदान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने “विकसित भारत 2047” जैसी पहलों पर प्रकाश डाला और छात्रों को देशभक्त नागरिकों के रूप में अपनी जिम्मेदारी को अपनाने के लिए प्रेरित किया। प्रतिनिधियों और अतिथियों ने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ पहल के तहत नाग चंपा, आंवला और मोरपंखी के पौधे कॉलेज परिसर में लगाए। सम्मेलन नवाचार-पूर्ण और सतत प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए निरंतर सहयोग के संकल्प के साथ समाप्त हुआ। कई संकाय सदस्य, छात्र और कर्मचारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे।