विजय कुमार पाठक, नौहट्टा संवाददाता। केंद्र सरकार ने पंद्रह मार्च को रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड और झारखंड के गढ़वा जिले को जोड़ने वाली पंडुका पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की। इसके बाद झारखंड के भवनाथपुर के विधायक भानू प्रताप शाही ने रोहतास जिले के बांदू और हैदरनगर के कबरा कला गांव के बीच सोन नदी पर पुल बनाने की मांग की है। सीएम को लिखे पत्र में शाही ने कहा है कि पुरातन धरोहर और उरांव-खरवार राजाओं की शासनस्थल रही रोहतासगढ़ किले इससे केवल पांच किलोमीटर दूर है। इसके अलावा दोनों राज्यों के लोगों के बीच रोटी बेटी का संबंध भी रहा है। सांस्कृतिक और भाषायी तौर पर यह इलाका सोन नदी के दूसरे पाट के काफी करीब है। उन्होंने कहा कि उत्तर कोयल नदी पर बने सुंडीपुर पुल से यह 5 किलोमीटर की दूरी पर है। इसके निर्माण से रोहतासगढ़ के अलावा अन्य जगहों पर लोगों को जाने में काफी सुविधा होगी। उन्होंने अपने पत्र में कहा कि लगभग 120 किलोमीटर की दूरी दोनों राज्यों के बीच सिमटेगी।
डेहरी-ऑन-सोन के सोन नदी का पुल है एक मात्र सहारा
बिहार के रोहतास जिला तक जाने के लिए पलामू के हैदरनगर,हुसैनाबाद, मोहम्मदगंज, उंटारी रोड, विश्रामपुर, छतरपुर, गढ़वा जिला के मझिआंव, कांडी, गढ़वा,बंषीधर नगर ,रमुना इलाके के लोगों को 120 किलो मीटर दूर डेहरी ऑन सोन में सोन नदी पर बने पुल का सहारा लेना पड़ता है। जबकि कबरा कलां में सोन नदी पर पुल निर्माण हो जाने से पलामू व गढ़वा के लोग 5 से 20 किलोमीटर का सफर तय करने पर बिहार के ऐतिहासिक रोहतास गढ़ पहुंच सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस इलाके के अलावा दोनों तरफ व्यापारिक संबंधों को भी बढ़ावा देने में यह पुल काफी सहयोग करेगा।
पर्यटन के विकास के लिए भी इस तरह की पहल से फायदा होगा। उन्होंने कहा कि कबरा कलां और रोहतास गढ़ ऐतिहासिक स्थल रहे हैं। पुल के निर्माण होने से यह दोनो जगह केवल पांच किलो मीटर के दायरे में आ जायेंगे। पर्यटन के विकास के लिए भी यह काफी महत्पूर्ण साबित होगा। पंसा-सुंडिपुर कोयल नदी पर बना राज्य का सबसे लंबा पुल के बगल में कबरा कलां सोन नदी पर पुल बनने से दोनो पुल की उपयोगिता बढ़ जायेगी। उन्होंने जनहित में पुल का निर्माण कराने की मांग की है। उन्होंने कहा कि झारखंड के लाखो तीर्थयात्री हर साल गुप्ता धाम (बिहार) जाते है। वहां से दसशीशानाथ में जलाभिषेक कर वापस लौटते हैं। 11 मार्च को महाशिवरात्रि के दिन एक लाख से अधिक झारखंड के लोगो ने जलाभिषेक किया। इस दौरान सोन पार करते समय दर्जनों बार नाव भीड के कारण पानी मे डुब जाता था। हालांकि इस दौरान किसी भी तरह के जान माल का नुकसान न हुआ हो। लेकिन लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ा।