सासाराम। जिले के चर्चित बादल हत्याकांड की कमान संभाल रहे आपराधिक अनुसंधान विभाग के डीआईजी जयंत कांत ने शुक्रवार को घटनास्थल का निरीक्षण किया। घटना के 14 दिन बाद आपराधिक अनुसंधान विभाग के अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे ताकि यह समझा जा सके कि वास्तव में अपराध स्थल पर क्या और कैसे हुआ था। आपराधिक अनुसंधान विभाग के डीआईजी जयंत कांत एवं उनकी टीम ने अपराध स्थल से फिंगरप्रिंट, बाल, मिट्टी, पैरों के निशान, जूते के निशान, बारूद अवशेष, कांच के टुकड़े जैसे साक्ष्यों की तलाशी ली तथा घटनास्थल के विभिन्न जगहों पर मार्किंग कर क्राइम सीन को भी रीक्रिएट करने का प्रयास किया। इस दौरान डीआईजी ने पूरे परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया तथा लगभग एक घंटे तक रोहतास पुलिस अधीक्षक रौशन कुमार, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी वन दिलीप कुमार एवं सासाराम नगर थानाध्यक्ष राजीव रंजन राय से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। निरीक्षण के दौरान घटनास्थल पर भारी पुलिस फोर्स की तैनाती रही तथा पूरे परिसर व आसपास की घेराबंदी कर जांच की गई। वहीं जांच के संदर्भ में डीआईजी ने मीडिया के समझ कुछ भी बोलने से साफ इंकार कर दिया तथा कहा कि पूरा मामला अभी अनुसंधानरत है।
बता दें कि सासाराम में हुई बादल हत्याकांड की घटना ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है क्योंकि हत्या का आरोप बिहार सरकार के एक वरीय पुलिस अधिकारी हीं पर लगा है। एक तरफ जहां गोली कांड के पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने को लेकर लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी ओर पक्ष विपक्ष के नेताओं ने भी पीड़ित परिवार से मिलकर न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। इधर हत्याकांड को लेकर विपक्ष भी हमलावर हो गया है और विभिन्न राजनीतिक पार्टियां बिहार में अफसरशाही को लेकर सवाल कर रही है। वहीं मामला अब हाई प्रोफाइल हो चुका है और सरकार भी इस चुनावी वर्ष में कोई रिश्क नहीं लेना चाहती। मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है तथा हर पहलुओं पर गहनता से जांच चल रही है। हालांकि इस पूरे मामले के मुख्य आरोपी यातायात डीएसपी आदिल बिलाल एवं उनके बॉडीगार्ड को पुलिस मुख्यालय बुला लिया गया है लेकिन अब तक कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं और लोगों में आक्रोश भी बढ़ता जा रहा है।
बादल हत्याकांड के 14 दिन बाद घटनास्थल का सीआईडी के डीआईजी ने किया निरीक्षण
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