– दिल्ली में 85+ आयु वर्ग के 6,488 वरिष्ठ नागरिकों और 1,051 दिव्यांगों ने वोट फ्रॉम होम का विकल्प चुना
– ऐप पर मिलेगी बूथ पर लगी मतदाताओं की लाइन की जानकारी
– दिल्ली के कई रेस्तरां वोटिंग स्याही का निशान दिखाने पर विशेष छूट देंगे
नई दिल्ली, 31 जनवरी (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा। इसके लिए चुनाव आयोग और प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली में एक करोड़ 56 लाख 14 हजार मतदाता हैं। इनके लिए आयोग ने 13,766 मतदान केंद्र बनाए हैं। इसके अलावा 8 फरवरी को होने वाली मतगणना के लिए 11 जिलों में 19 गणना केंद्र बनाए गए हैं।
दिल्ली की मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर एलिस वाज़ ने शुक्रवार को आगामी विधानसभा चुनाव से जुड़ी तैयारी के बारे में पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। उन्होंने बताया कि 5 फरवरी को होने वाले मतदान के लिए कुल 13,766 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इसके अलावा 733 सहायक मतदान केंद्र भी तैयार किए गए हैं। निष्पक्ष एवं निर्भय मतदान सम्पन्न करवाने के लिए दिल्ली में अर्द्धसैनिक बलों (बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी, राजस्थान आर्म्ड फोर्स) की 220 कंपनियां, दिल्ली पुलिस के 35 हजार 626 जवान और 19 हजार होम गार्डस तैनात हैं।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में मतदाताओं की कुल संख्या एक करोड़ 56 लाख 14 हजार है। इनमें 83 लाख 76 हजार 173 पुरुष और 72 लाख 36 हजार 560 महिला मतदाता हैं।
इसके अतिरिक्त 1,267 ट्रांस्जेंडर मतदाता हैं। पहली बार मतदान करने वाले 18-19 आयु वर्ग के युवा मतदाताओं की संख्या 2,39,905 है। इसके अलावा 85 से अधिक आयु वर्ग के 1,09,368 मतदाता, 100 से अधिक आयु वर्ग के 783 मतदाता, 79,885 दिव्यांग, ओवरसीज मतदाता 695 और 12,736 सेवा मतदाता हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इनके लिए आयोग ने 13,766 मतदान केंद्र बनाए हैं। इसके अलावा 8 फरवरी को होने वाली मतगणना के लिए 11 जिलों में 19 गणना केंद्र बनाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि ईपीआईसी (इलेक्टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड) वितरण के लिए एक निर्धारित एसओपी बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि चुनावों के लिए आज की तारीख तक कुल 1,09,955 कर्मचारी तैनात हैं। इसमें 68,733 मतदान कार्मिक शामिल हैं। मतदान कार्मिकों में फ्लाइंग स्क्वायड टीम, एसएसटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, व्यय निगरानी टीम, नियंत्रण कक्ष कर्मचारी, माइक्रो ऑब्जर्वर और मतगणना कर्मचारी शामिल हैं। इसमें चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात पुलिस कार्मिक शामिल नहीं हैं।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर. एलिस वाज ने बताया कि एक लाख से ज़्यादा मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है और मतदान केंद्रों पर मतदाता-अनुकूल सुविधाएं बनाई गई हैं। इसमें सुसज्जित प्रतीक्षा क्षेत्र, पीने का पानी, शौचालय, रैंप और व्हीलचेयर की सुविधा होगी।
साथ ही सभी स्थानों पर बुनियादी चिकित्सा किट के साथ पैरामेडिकल स्टाफ़ भी उपलब्ध रहेगा।
उन्होंने बताया कि दिल्ली में कुल 210 थीम आधारित मॉडल मतदान केंद्रों को एक सहज और मतदाता-अनुकूल अनुभव सुनिश्चित करने के लिए उन्नत सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। 70 मतदान केंद्र, प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक, विशेष रूप से महिला कर्मचारियों द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे। दिल्ली में 70 मतदान केंद्रों का प्रबंधन और संचालन पूरी तरह से दिव्यांग व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा, जिससे चुनावी प्रक्रिया में समावेशिता और सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली में कुल 70 मतदान केंद्र विशेष रूप से युवाओं की चुनावी प्रक्रिया में भागीदारी और सहभागिता को प्रोत्साहित करने के लिए स्थापित किए जाएंगे।
वाज ने बताया कि वोट फ्रॉम होम पहल में 85+ आयु वर्ग के कुल 6,488 वरिष्ठ नागरिक और 1,051 दिव्यांग व्यक्ति शामिल हैं, जिन्होंने घर से मतदान करने का विकल्प चुना है। यह पहल समावेशी लोकतंत्र के लिए चुनाव आयोग की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
उन्होंने बताया कि मतदाताओं को बूथ परिसरों में आसानी से अपने मतदान केंद्र खोजने में सहायता करने के लिए सभी जिला चुनाव अधिकारी रंग कोड के अनुसार मतदान केंद्र स्थापित करेंगे। किसी विशेष मतदान केंद्र को सौंपा गया विशिष्ट रंग कोड मतदाता सूचना पर्ची में विभाजित किया जाएगा, जिसे मतदाताओं को वितरित किया जा रहा है।
इस पहल का उद्देश्य भ्रम, देरी को कम करना और चुनाव के दिन एक सहज मतदान प्रक्रिया सुनिश्चित करना है।
मतदान केंद्रों पर ज़रूरतमंद मतदाताओं के लिए 4,217 व्हीलचेयर उपलब्ध कराई जाएंगी। आरओ सिस्टम और दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) टैंकरों सहित कई स्रोतों के माध्यम से पीने के पानी की आपूर्ति की जाएगी। प्रत्येक मतदान केंद्र पर एक चिकित्सा दल तैनात किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, छोटे बच्चों वाले माता-पिता की सहायता के लिए एक क्रेच सुविधा उपलब्ध होगी।
उन्होंने बताया कि सी-विजिल ऐप को अब तक कुल 5,244 शिकायतें मिली हैं, जिनमें सबसे अधिक शिकायतें उत्तरी जिले (1,049) और सबसे कम शाहदरा (136) से दर्ज की गई हैं।
सीईओ ने कहा कि कतार प्रबंधन प्रणाली ऐप और वेबपेज (भारत में पहली बार) मतदाताओं को मतदान दिवस पर मतदान केंद्रों पर वास्तविक समय की भीड़ के स्तर की निगरानी करने की अनुमति देता है। अक्सर, मतदाता लंबी कतारों के कारण अपना वोट डाले बिना ही चले जाते हैं। इस ऐप के साथ, वे लाइव भीड़ अपडेट तक पहुंच सकते हैं, जिससे उन्हें अपनी यात्रा की योजना तदनुसार बनाने में मदद मिलती है। ऐप का प्राथमिक लाभ यह है कि यह लंबी लाइनों में इंतजार करने की आवश्यकता को कम करके मतदाताओं का समय बचाता है और इस प्रकार दिल्लीवासियों की मतदान में वृद्धि करेगा। ऐप “दिल्ली चुनाव – 2025 क्यूएमएस” गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है।
दिल्ली के निवासियों को मतदान के लिए प्रेरित करने के लिए, दिल्ली के विभिन्न रेस्तरां ने मतदान के अगले दिन अपना वोटिंग स्याही का निशान दिखाने वाले मतदाताओं को विशेष छूट देने पर सहमति व्यक्त की है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी आर. एलिस वाज ने सभी दिल्ली निवासियों से लोकतांत्रिक प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लेने और 5 फरवरी को राज्य के लिए एक ऐतिहासिक दिन बनाने का आग्रह किया।