
नई दिल्ली, 15 अप्रैल (हि.स.)। हरियाणा जमीन से जु़ड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और व्यापारी रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया। राबर्ट वाड्रा ईडी दफ्तर पहुंचे और उनसे पूछताछ की गई । इस प्रकरण पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने निशाना साधते हुए कहा कि कानून से कोई ऊपर नहीं है। मंगलवार को भाजपा नेता गौरव भाटिया ने एक्स प्लेटफार्म पर इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भूमि माफिया रॉबर्ट वाड्रा को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था। यह हरियाणा में हुए भूमि घोटाले से संबंधित है। इसे शिकोहपुर भूमि स्कैम के नाम से जाना जाता है। जहां 24 घंटे के भीतर, मुख्यमंत्री ने शक्तियों का दुरुपयोग कर, रॉबर्ट वाड्रा द्वारा नियंत्रित और स्वामित्व वाली एक कंपनी को एक लाइसेंस दिया गया था। आज जब उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, तो यह कानून के शासन की शक्ति के बारे में बहुत कुछ कहता है और यह एक मजबूत संदेश भेजा गया है कि कोई भी देश के कानून के ऊपर नहीं है, खासकर झूठे गांधी परिवार से, जो दुनिया का सबसे भ्रष्ट परिवार है।
क्या है पूरा मामला
रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ मामला 1 सितंबर, 2018 को दर्ज किया गया था। सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर गुड़गांव के खेरकी दौला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। शर्मा का आरोप था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया है। इस मामले में हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में आईपीसी की धारा 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था। बाद में आईपीसी की धारा 423 के तहत नए आरोप जोड़े गए । रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी। कंपनी ने कमर्शियल लाइसेंस पाने के बाद उसी प्रॉपर्टी को रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। ये भी आरोप है कि हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने बदले में डीएलएफ को गुड़गांव के वजीराबाद में 350 एकड़ जमीन आवंटित की थी। प्रवर्तन निदेशालय इसी मामले में वाड्रा की कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है।