विभाजनकारी बयानों की निंदा, राष्ट्रीय एकता और देशभक्ति का आह्वान**
ग्रेटर नोएडा।
भाजपा नेता एवं वीर अब्दुल हमीद विचार मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद अहसन अख्तर ने एक सशक्त बयान जारी करते हुए कहा कि राष्ट्र से बड़ा और राष्ट्र के ऊपर कोई नहीं है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा, “जो मुल्क का दुश्मन है, वह हमारा दुश्मन है। देश सबसे पहले आता है।” अख्तर ने स्पष्ट किया कि भारत की एकता, अखंडता और सामाजिक harmony को कमजोर करने वाले किसी भी बयान या प्रयास का विरोध करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
महमूद मदनी के बयान की कड़ी आलोचना
सैयद अहसन अख्तर ने भोपाल में जमीअत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना महमूद मदनी द्वारा दिए गए बयान को “देश के सामाजिक ताने-बाने के लिए हानिकारक” बताया।
उन्होंने कहा कि ऐसे बयान न तो समुदायों के हित में हैं और न ही राष्ट्र के लिए उपयोगी। अख्तर ने धार्मिक एवं सामाजिक नेतृत्व से आग्रह किया कि वे विवाद पैदा करने वाली भाषा छोड़कर एकता, सद्भाव और राष्ट्रभक्ति की भाषा बोलें।
उन्होंने कहा,
“आज जरूरत है कि हर समुदाय, हर धर्म और हर विचारधारा के लोग यह समझें कि राष्ट्र सर्वोपरि है। ऐसी बयानबाज़ी जो हिंदुस्तान को कमजोर करे, वह किसी भी दृष्टि से स्वीकार्य नहीं है।”
“मुसलमानों को राष्ट्र के साथ मजबूती से खड़ा होना चाहिए”
अहसन अख्तर ने यह भी कहा कि कोई भी व्यक्ति या संगठन जो राष्ट्रहित में कार्य करता है, देश की तरक्की के लिए प्रयास करता है, वह हर भारतीय—विशेषकर मुसलमानों—का समर्थन पाने के योग्य है।
उन्होंने पैगंबर मोहम्मद (सल्ल.) की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि “वतन से मोहब्बत ईमान का हिस्सा है।”
इस संदेश को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि मुसलमानों को बिना किसी झिझक या भ्रम के देश की मुख्यधारा में मजबूती से खड़ा होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज का भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, और ऐसे समय में जरूरत है कि मुसलमान स्वयं को empowerment, education और development की दिशा में सक्रिय रूप से आगे लाएँ।
वंदे मातरम् विवाद पर अख्तर का तर्क
हाल ही में कुछ उलेमाओं द्वारा वंदे मातरम् को लेकर उठाए गए विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए सैयद अहसन अख्तर ने कहा,
“हमें हमेशा अपने देश को मां के समान सम्मान देना चाहिए। वतन हमारी मां है—मद्रे वतन। हम संयोग से नहीं, बल्कि अपनी इच्छा से भारतीय हैं। हमारे बुज़ुर्गों ने जिन्ना की विभाजनकारी सोच को नकारते हुए भारत को अपनी मातृभूमि चुना था।”
उन्होंने स्पष्ट किया कि वंदे मातरम् का विरोध न तो ऐतिहासिक रूप से उचित है और न ही भावनात्मक रूप से।
अख्तर के अनुसार, देशभक्ति का भाव किसी धर्म विशेष का विषय नहीं बल्कि हर भारतीय के लिए एक साझा कर्तव्य है।
मोदी सरकार ने सबके लिए समान अवसर दिए — अख्तर
अख्तर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने कभी भी किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के साथ भेदभाव नहीं किया।
उन्होंने सरकारी योजनाओं के समावेशी स्वरूप का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जन-धन योजना, कौशल विकास मिशन—सभी में लाभार्थियों को बिना किसी भेदभाव के शामिल किया गया है।
उन्होंने जोड़ा:
“सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास—यह नारा कागज़ी नहीं, बल्कि जमीन पर उतरी हुई सच्चाई है। आज भारत में हर वर्ग को बराबर अवसर मिल रहा है।”
अख्तर ने कहा कि मुस्लिम समुदाय को भी इस विकास यात्रा में सक्रिय रूप से शामिल होना चाहिए और राजनीति या समाज में फैलाई जाने वाली अफवाहों से बचना चाहिए।
राष्ट्रीय एकता ही भारत की शक्ति
सैयद अहसन अख्तर ने अपने बयान के अंत में कहा:
“United we stand, divided we fall — यह केवल एक नारा नहीं बल्कि भारत की वास्तविक शक्ति है। यदि हम एकजुट रहेंगे, तो भारत न केवल भीतर से मजबूत होगा बल्कि वैश्विक मंच पर भी और अधिक सशक्त दिखाई देगा।”
उन्होंने कहा कि देश की प्रगति, सामाजिक सद्भाव और सामूहिक चेतना ही भारत को विश्व शक्ति बनाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि सभी धर्मों, जातियों और समुदायों के लोगों को यह समझने की आवश्यकता है कि भारत की उन्नति में ही सभी की उन्नति निहित है।
