डॉक्टर, पुलिसकर्मी और ग्रामीणों के बयान पैदा कर रहे संदेह, परिजनों को दिया गया उचित जांच का भरोसा
भंडरिया। भंडरिया थाना क्षेत्र के नौका गांव के रहने वाले एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में रहस्यमी मौत हो गई। इस मामले की जानकारी मिलने के बाद काफी हंगामा मचा रहा। बताया जा रहा है कि पाला मांझी (45) को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया था। इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर परिजनों ने सवाल खड़ा किया है। परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। परिजनों का कहना है कि युवक को रविवार की सुबह 8।30 में थाने के एसआई विपिन कुमार वर्मा एवं चौकीदार जोगेंद्र पासवान थाना में बुलाए जाने की सूचना देकर वहां ले गए थे। इससे पहले कि घर वाले कुछ समझते पुलिस कर्मियों ने 11 बजे दिन में ही उसके शव को लाकर घर में छोड़ दिया गया। जिससे परिजनों में हाहाकार मच गई।
बयानों में दिख रहा विरोधाभास
परिजनों ने बताया कि पाला मांझी सीधे-साधे व्यक्ति थे। मजदूरी करके जीवन यापन करते थे। वे सुबह हीं जंगल से वापस लौटे थे और बिल्कुल स्वस्थ थे। दूसरी ओर एसआई श्रवण कुमार का कहना है कि एक पुराने केस में पूछताछ के लिए उसको थाना ले जाया गया था। रास्ते में ही उनकी तबीयत खराब हो गई थी। तब उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भंडरिया ले जाया गया। जहां से बिलकुल स्वस्थ स्थिति में उसको घर ले जाकर पहुंचा दिया गया था।
इस मामले में परिजनों का कहना है कि मृतक घर में पूरी तरह स्वस्थ था। बाद में उसकी मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा। इस संबंध में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी विजय किशोर रजक ने बताया कि मेरे पास मरीज को बेहोशी की हालत में लाया गया था। जितना संभव हुआ हमने इलाज किया। फिर उसे रेफर कर दिया गया था। उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं मालूम। चिकित्सक उसे मिर्गी का दौरा होने के कारण मौत का अंदेशा भी लगा रहे हैं। जबकि परिजनों एवं आसपास के लोगों का कहना है कि मृतक को पूर्व में कभी भी मिर्गी का दौरा नहीं पड़ा था।
जानिए क्या कह रहे हैं परिजन
मृतक की पुत्री सरिता कुमारी ने बताया कि उसके पिता बिल्कुल स्वस्थ थे।पुलिस वाले घटना के तीन घंटे के बाद मृतक का शव लाकर पहुंचा दिए। मौत का कारण क्या है इसकी कोई जानकारी नहीं है। उसने बताया कि उसके पिता की हालत गंभीर है इसकी सूचना सूचना भाइयों को मिली थी, लेकिन घर में लाश ही आया है।
बीजेपी नेता ने की न्याय और निष्पक्ष जांच की मांग
बीजेपी के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश केशरी ने कहा कि पूछताछ के लिए जब युवक को ले जाया गया था। कुछ ही देर के बाद युवक का शव घर में पहुंचाना कई प्रकार का संदेह प्रकट करता है। पोस्टमार्टम के पश्चात ही इस रहस्य से पर्दा उठेगा कि युवक की मौत कैसे हुई। पुलिस प्रशासन के कब्जे में रहने के पश्चात युवक का मौत होना उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह उठाता है। इस मामले में पुलिस प्रशासन के साथ ही चिकित्सक के द्वारा भी भारी लापरवाही बरती गई है। बीजेपी नेता ने गढ़वा एसपी, सिविल सर्जन, उपायुक्त एवं झारखंड सरकार से निष्पक्ष जांच करते हुए उचित कार्रवाई करने की मांग करती है। अन्यथा स्थानीय ग्रामीण मृतक के परिजन एवं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। इस मृतक को न्याय दिलाने के लिए हम किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं। सरकार से उचित मुआवजा एवं परिवार में एक सदस्य को नौकरी देने की भी मांग किया है ।
घटना की सूचना मिलने के बाद बीडीओ विपिन कुमार भारती भी मृतक के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम के बाद ही पता चलेगा। बीडीओ ने कहा कि मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।