जयनंदन पाण्डेय, हैदरनगर से
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण झारखंड में वन और जंगलों की कटाई रोकने और पर्यावरण की रक्षा का संकल्प एक अनोखे तरीके से लिया गया है। राजधानी रांची से किलोमीटर दूर पलामू जिले के एक पंचायत के लोगों ने पौधारोपण करने के बाद अलगे 10 साल तक इसकी देखरेख करने का वादा किया है। बरडंडा पंचायत के ग्रामीण बुधवार को गांव में इसका निर्णय लिया। इस दौरान मौजूद लोगों ने दर्जनों फलदार और छायादार वृक्ष लगाएं। स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यावरण की रक्षा के बीना मानव जीवन के लिए संकट पैदा हो सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता दीपक पासवान, विश्वनाथ विश्वकर्मा, अखिलेश राम, उपेंद्र पासवान, अजय राम आदि लोगों ने बताया कि वृक्ष लगाना ही पर्यावरण की रक्षा का मूल मंत्र है। लोगों का कहना है कि आज कोरोना महामारी से शहर से लेकर गांव तक के लोग इस बिमारी से परेशान हैं। कई लोग इस वर्ष महामारी के चपेट में आकर काल कलवित हो गए।
ग्रामीणों का कहना है कि पहाड़ों के बीच वाले इस खूबसूरत प्रदेश के लोगों को अपने भविष्य के लिए भी सोचना होगा। कोरोना महामारी ने हमे जरुर सिखाया है कि प्रकृति से खिलवाड़ भारी हो सकती है। लेकिन इसके महत्व को हम लोग नहीं समझ पा रहे हैं। पेड़ों की रक्षा करने से पर्यावरण को बचाया जा सकता है। इससे गांव में इज़्क़ मुख्य कारण इस महामारी में ऑक्सीजन की घोर कमी का होना। उन्होंने कहा कि हम ग्राम वाषी पहाड़ो के आगोश में हैं। किंतु दिन प्रतिदिन हरे भरे वृक्षों को काटकर बरबाद कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि वृक्ष काटने से अधिक लगाने में पर्यावरण की रक्षा होगी।
ग्रामीणों ने संकल्प लेकर गाँव सहित पंचायत में वृक्ष लगाने की मुहिम तेज करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले लोग वृक्ष की कटाई कम करते थे। हर गांव व घर मे लोग अपने जमीनों पर हरे भरे पेड़ लगाकर पर्यावरण को शुद्ध करते थे। जिससे क्षेत्र व गांव की आबू हवा शुद्ध मिलती थी। ग्रामीणों ने संकल्प लेते हुए हर वर्ष बरसात के मौसम में नए फलदार व छायादार वृक्ष लगाकर इस अभियान को लगातार जारी रखेंगे। साथ ही लगाए गए सभी वृक्षों का निगरानी भी 10 वर्षों तक करने का संकल्प लिया है। ग्रामीणों ने प्रखण्ड के सभी पंचायत के लोगों को भी वृक्ष लगाओ अभियान को चालू कर पर्यावरण की रक्षा में सहयोग की अपील की है।