गढ़वा : उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार सहित झारखंड राज्य की राजधानी को जोड़ने वाली एनएच 75 आज गड्ढों में नहीं बल्कि तालाब में तब्दील होती जा रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग होने की वजह से सड़क का निर्माण तथा मरम्मती कराने की जिम्मेवारी केंद्र सरकार की होती है। केंद्र सरकार के द्वारा इस मार्ग को फोरलेन करने की चर्चा पिछले 2 सालों से कर रही है।केंद्र सरकार के कार्यों में विलंब होने की वजह से राज्य सरकार ने भी इस महत्वपूर्ण सड़क को बनाने के लिए काफी संजीदगी दिखा रही है, परंतु इस सड़क की वास्तविक स्थिति यह है कि सड़क पर आज गड्ढे नहीं बल्कि तालाब नजर आ रहे हैं। जिला प्रशासन सड़क की वास्तविक स्थिति को देखते हुये भी मौन धारण किये हुये है। क्या जिला प्रशासन अपने जिला क्षेत्र अंतर्गत सड़क पर हुये गड्ढ़ों को भरवाने में भी सक्षम नहीं है? यह प्रश्न खास और आम सभी लोगों के बीच चर्चा का विषय बना है। अगर जिला प्रशासन सक्षम नहीं रहती तो पूर्व के उपायुक्त हर्ष मंगला के द्वारा एनएच 75 के अधिकारियों के साथ बैठक कर फटकार लगाई गई थी।
इसके बाद उसी सप्ताह में एनएच 75 पर बने गड्ढों को भरवा दिया गया । बता दें कि बरसात की पहली पानी में ही सड़क पर अनगिनत बने जानलेवा गड्ढ़ों में लोग गिरकर नहा रहे हैं। एनएच 75 सड़कों पर बड़े- बड़े गड्ढ़े बने हुए हैं। एनएच 75 सड़क पर चलने में यात्रियों को काफी परेशानी की सामना करना पड़ रहा है। जबकि एनएच 75 सड़क पर चलने वाले वाहनों को भी परेशानी हो रही है। शहर के नवादा मोड़ स्थित एनएच 75 पर जानलेवा गड्ढ़ा बना हुआ है। उक्त गड्ढ़ा में प्रतिदिन लोग गिर जा रहा है। शनिवार की सबह में एक मोटरसाइकिल सावर वृद्ध गीर गया। गड्ढ़ा में गिरने के बाद उसके स्वजनों ने किसी तरह से उठाकर उसे पुन: मोटरसाइकिल पर बैठाया।