डेहरी ऑन सोन. सभी स्कूल, कॉलेज सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय और तकनीकी शिक्षण संस्थान में 50 फ़ीसदी उपस्थिति के साथ सोमवार से खुल जाने के कारण जहां शहर एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रौनक बढ़ गई है. वहीं, लोगों की बेपरवाही भी दिखाई दे रही है. बताते चलें कि ये शैक्षणिक संस्थान पिछले 98 दिनों से कोरोना महामारी के कारण बंद थे. यूनिवर्सिटी खोलने का आदेश जारी कर दिया गया है. अल्टरनेट दिनों में 50 फीसदी क्षमता के साथ छात्रों को स्कूल जाने की अनुमति दे दी गई है.
बिहार के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने हाल ही में घोषणा की थी कि शैक्षणिक संस्थानों को 12 जुलाई से फिर से खोला जाएगा. राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या में गिरावट को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. सोमवार से 11वीं और 12 वीं के स्टूडेंट्स को स्कूलों में बुलाया गया तथा संस्था के द्वारा बताया गया कि सभी छात्रों और स्टाफ को निर्धारित कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य होगा. आधे छात्रों के लिए स्कूल एक दिन और बाकी आधे छात्रों के लिए अगले दिन लगेगा. इस तरह स्कूल, कॉलेजों में सोशल डिस्टेंसिंग रखी जा सकेगी.
क्या हैं निर्देश
किसी भी संस्थान में 50 फीसदी छात्र की ही उपस्थिति होनी चाहिए. विद्यार्थियों के बीच 6 फीट की दूरी के साथ बैठने की व्यवस्था होनी चाहिए. स्टाफ रूम, कार्यालय, आगन कच्छ मैं भी यह दूरी रखनी होगी संस्थान और स्कूल के सभी गेट आगमन और प्रस्थान के समय खोलकर रखने होंगे. कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए समय-समय पर संस्थान को सेंट्रलाइज करते रहना होगा.
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कहते हैं पदाधिकारी
अनुमंडल अधिकारी सुनील कुमार सिंह कहते हैं कि इस चरण के कोरोना काल के बाद सोमवार से 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ संस्थान खोल दिए गए हैं. विद्यार्थी, शिक्षक, अभिभावक सभी को संक्रमण मुक्त वातावरण में अध्ययन कार्स करने का निर्देश दिया गया है. कोरोना गाइडलाइन का पालन अवश्य करें संक्रमण के दौर में इसी प्रकार से नियंत्रण रहा तो सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार और छूट दी जाएगी.