संजय कुमार तिवारी
सासाराम (रोहतास). सतत जीविकोपार्जन योजना के अंतर्गत वैकल्पिक नियोजन हेतु गव्य, बकरी एवं मुर्गी पालन तथा कृषि सम्बंधित गतिविधियां, अगरबत्ती निर्माण व स्थानीय रूप में जिस किसी भी स्थान में उपयुक्त प्रतीत होने के स्थिति में 60,000 से 1,00,000 लाख राशि तक उपलब्ध किये जाने का प्रावधान है। बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति को इस योजना के लिए कार्यान्वयन संस्था के रूप में नामित किया गया है। गौरतलब है कि बिहार सरकार द्वारा घोषित सतत जीविकोपार्जन योजना का आरंभ मुख्यतः देशी शराब एवं ताड़ी के उत्पादन एवं बिक्री में पारंपरिक रूप से जुड़े अत्यंत निर्धन परिवारों, अनुसूचित जाति, जनजाति तथा अन्य समुदायों के लक्षित अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए किया गया है। इस योजना के तहत इनका आजीविका क्षमता निर्माण और वितीय सहायता के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण का उद्देश्य है।
जिला रोहतास में इस योजना के नोडल उपाध्यक्ष ने बताया कि यह योजना जिले के 18 प्रखंडो में कार्यान्वित है तथा इसके तहत अब तक 2089 अत्यंत निर्धन परिवारों का इससे जोड़ा गया है जिसमें से 1542 परिवारों को रोजगार हेतु जीविकोपार्जन संबन्धित राशि उपलब्ध करा दी गयी है। परिवारों द्वारा विभिन्न माइक्रो एंटरप्राइज जैसे किराना दुकान, सब्जी दुकान, श्रृंगार दुकान, नास्ता दुकान, कपड़ा दुकान आदि की स्थापना की गयी है तथा कुछ पारिवारों ने पशुधन जैसे बकरी, गाय, भैंस आदि प्राप्त किये हैं। आगे बताया कि योजना के तहत जून-जुलाई माह में कुल 256 अत्यंत निर्धन परिवारों को प्रथम तथा दूसरी किस्त प्रदान की गयी है जिसमें 119 पारिवारों को दूसरी किस्त तथा 137 परिवारों को प्रथम किस्त दी गयी है।
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उक्त सभी परिवारों में से 185 परिवारों ने माइक्रो एंटरप्राइज जैसे किराना दुकान, सब्जी दुकान, श्रृंगार दुकान, नास्ता दुकान, कपड़ा दुकान आदि की स्थापना किये हैं, 70 परिवारों ने बकरी पालन किये हैं तथा 1 परिवार ने कृषि कार्य किया है। इस प्रकार सभी 256 परिवारों को कुल 74,12,514 (चौहतर लाख बारह हजार पांच सौ चौदह) रूपये दिये गए। इसके अलावे सतत् जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत ही प्रखंड रोहतास में 25 अत्यंत निर्धन परिवारों को सतत् आय के उद्देश्य से विविधिकरण रोजगार के तहत झाड़ू निर्माण का 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है| प्रशिक्षण उपरांत इन सभी परिवारों को क्लस्टर अप्रोच के रूप में रोजगार करने का बढ़ावा और सहयोग दिया जा रहा है।
रोहतास जीविका जिला परियोजना प्रबंधक आचार्य मम्मट ने कहा कि सतत जीविकोपार्जन योजना बिहार सरकार की महत्वकांक्षी योजना है जो अत्यंत निर्धन परिवारों के लिए एक वरदान साबित हो रही है और उनका कायाकल्प हो रहा है। इसमें रोजगार कर रही दीदियाँ दूसरों के लिए प्रेरणाश्रोत बन गयी हैं| योजना के अंतर्गत दो प्रखंडों रोहतास और नोखा में क्लस्टर अप्रोच के तहत चूड़ी और झाड़ू निर्माण हेतु कार्य प्रारंभ कर दिया गया है और 25 परिवारों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। आशा है कि इसके फलस्वरूप इससे जुड़े दीदियों के आर्थिक विकास में बेहतर बदलाव होगा।