नौहट्टा. कैमूर पहाड़ी स्थित पीपरडीह पंचायत के सलमा गांव मे बुधवार को डायरिया फैलने से सात लोग आक्रांत हो गए। पहले दोपहर में गांव के दो लोग डायरिया की चपेट में आ गए और इलाज कराने के लिए रेहल स्थित विशेष कैंप में अपराह्न करीब तीन बजे पहुंचे थे। विशेष कैंप में इलाज की व्यवस्था नहीं रहने के चलते उनका इलाज नहीं हो सका। इसी बीच गांव में और लोगों के भी डायरिया की चपेट में आने की सूचना मिली। स्थिति की गंभीरता की देखते हुए डाक्टर रूपेश रंजन के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग की टीम देर रात दवा लेकर पहुंची, तब जाकर दो बजे रात से सभी मरीजों का इलाज शुरू किया गया।
ग्रामीणों के अनुसार रामदुलार उरांव (35 वर्ष), मनवा देवी (34), विकेश उरांव (10), प्रतीमा कुमारी (8), आशीष उरांव (6), कौशल उरांव (4) व अवधेश उरांव (22 वर्ष) बुधवार को डायरिया की चपेट में आ गए। गांव में समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं होने के चलते तीन लोगों की स्थिति काफी खराब हो गई थी। जिसके बाद मुखिया श्यामनारायण उरांव ने सिविल सर्जन को सूचना दी। सीएस के निर्देश पर मेडिकल टीम ब्लीचिग पावडर, स्लाइन व दवा लेकर गांव में पहुंची। स्वास्थ्यकर्मियों ने लगातार चार घंटे तक प्रयास कर सभी को बचा लिया।
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मामले को ले आशंका व्यक्त की जा रही है कि आजकल खेतों में धान की रोपनी का काम चल रहा है। हो सकता है कि खेत पर काम करने के दौरान प्रदूषित पानी पीने या जलमीनार का प्रदूषित पानी पीने से लोग पीड़ित हो गए हों। चिकित्सा प्रभारी मुकेश कुमार के अनुसार गांव में चारों ओर ब्लीचिग पावडर का छिड़काव व लोगों के बीच आवश्यक दवाओं का वितरण किया गया है। सलमा गांव के मरीजों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर है। मेडिकल टीम में रूपक सिंह, जयंत कुमार, राजेश कुमार, धर्मेंद्र कुमार समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी शामिल थे।