पटना. डेहरी ऑन में एक प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरजेडी की नेता डॉ. कांति सिंह ने कहा कि जातीय जनगणना अति आवश्यक है. क्योंकि ये जब तक इसकी जनगणना नहीं होगी तो पता नहीं चलेगा कि किस-किस जाति की कितनी जनसंख्या है. और जब तक आप संख्या को नहीं बता सकेंगे तो किस आधार पर लोगों के प्रति जो योजनाएं हैं, वो उन्हें मिल सकेंगी. खासकर मंडल कमीशन. 1990 में स्वर्गीय बीपी सिंह ने मंडल कमीशन को लागू किया था. उस समय मंडल कमीशन में 27 प्रतिशत का आरक्षण मिला था. आज कहा जाता है कि कुछ जातियां ही इसका लाभ उठा पा रही हैं.
उन्होंने कहा कि NEET के रिजल्ट में 11 हजार ओबीसी के लोगों को आरक्षण मिलना था, लेकिन ऐसा हुआ नहीं. बिहार में पूरा विपक्ष नीतीश कुमार के साथ है. और कह रहा है कि आप भी जनगणना के लिए पीएम मोदी से बात कीजिए. क्योंकि ये बहुत ही जरूरी है. जबकि सदन में ये बिल दो-दो बार पास हुआ है.
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नीतीश के शासन में कानून व्यवस्था बेहद कमजोर है. इसे बिहार हाईकोर्ट भी मानता है. फिर भी राज्य में क्राइम खत्म नहीं हो रहे.