झरिया। झारखंड के इकलौते सरकारी अभियंत्रण संस्थान बीआइटी सिंदरी के खनन अभियंत्रण विभाग को नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रीडिएशन एनबीए की मान्यता मिलने के साथ शैक्षिक गुणवत्ता के विकास के नए अवसर पैदा होने लगे हैं। इसके तहत अब संस्थान में सोसाइटी फार माइनिंग, मेटलर्जी एंड एक्सप्लोरेशन का नया चैप्टर स्थापित करने की अनुमति मिल गई है। आइआइटी धनबाद, आइआआइटी खड़गपुर के बाद बीआइटी सिंदरी में यह सुविधा उपलब्ध होगी।
अमेरिका के एसएमई चैप्टर के सहयोग से अब बीआइटी के विद्यार्थी खनन के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना शोध कार्य पूरा करने के साथ रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर सकेंगे। चैप्टर के जरिए विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति के साथ कई अन्य सुविधाएं भी मिलेगी। इस चैप्टर के खुल जाने से बीआइटी सिंदरी खनन शाखा के विद्यार्थियों को एक नया एक्सपोजर प्राप्त होगा। खनन क्षेत्र में दुनिया भर में हो रहे कार्य को केस स्टडीज के रूप में जानने और समझने का मौका मिलेगा।
एसएमइ भारत के चेयरमैन प्रीतम सिन्हा ने अंतरराष्ट्रीय चैप्टर एसएमइ ने खनन क्षेत्र में इसके योगदान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इस अंतरराष्ट्रीय चैप्टर से जुड़ने के बाद सुरक्षा के साथ खनन क्षेत्र में भू खनिजों का अधिक से अधिक उत्पादन करने के बारे में नई जानकारियां मिल सकेंगे। साथ ही इससे पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होगा।
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एसएमइ अमेरिका की प्रमुख कमेटी के मेंबर अबानी समल ने कहा कि एसएमइ चैप्टर से बीआइटी सिंदरी के विद्यार्थी अपनी प्रतिभा का वैश्विक स्तर पर प्रदर्शन कर सकेंगे। उन्हें अंतरराष्ट्रीय छात्रवृत्ति भी मिलेगी। भारत के भू-खनिजों का सुरक्षा व पर्यावरण संरक्षण के साथ के सुरक्षित उत्पादन के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। बीआइटी सिंदरी के निदेशक डॉ डीके सिंह व डॉ घनश्याम ने कहा कि संस्थान के लिए यह अत्यंत गौरव की बात है। इस पहल पर बीआइटी सिंदरी खनन अभियंत्रण अंतिम वर्ष के छात्र कुशाग्र कुमार ने एसएमइ की शाखा स्थापित करने की पहल की सराहना की। कहा कि इससे सभी छात्रों को लाभ होगा।