• कोरोना की तीसरी संभावित लहर को देख बरत रहे हैं सावधानियां
संजय कुमार तिवारी
सासाराम (रोहतास) पूरा जिला संक्रमण मुक्त तो हो चुका है परंतु संभावित कोविड़ की तीसरी लहर को देखते हुए अभी भी जिला प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग सावधानी बरत रही है। साथ ही साथ लोगों को भी सावधानी बरतने के लिए सलाह दे रही हैं। संक्रमण की दूसरी लहर का प्रभाव खत्म होता देख राज्य सरकार ने सभी विद्यालयों को खोल दिया है। ऐसे में बच्चों के अभिभावक अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति थोड़ी चिंतित दिखाई दे रहे हैं क्योंकि कहा जा रहा है कि तीसरी लहर संभवतः बच्चों को ही ज्यादा प्रभावित करेंगे। ऐसे में अभिभावक बच्चों की सेहत को लेकर काफी संवेदनशील है और विद्यालय भेजने से पहले किसी प्रकार की असावधानी नहीं बरतना चाहते हैं। अभिभावक अपने बच्चों को पूरी सावधानी के साथ विद्यालय भेज रहे हैं। साथ ही साथ अभिभावक अपने बच्चों को कोरोना से बचने के लिए भी अपने ही घरों में सावधानी बरतने के लिए उन्हें जानकारियां उपलब्ध करा रहे हैं।
• सासाराम प्रखंड प्रमुख राम कुमारी देवी ने कहा कि संक्रमण को लेकर अभी भी डर बना हुआ है क्योंकि तीसरी लहर का अनुमान लगाया जा रहा है जो बच्चों को प्रभावित करेगा। ऐसे में बच्चों को सुरक्षित रखना एक बड़ी जिम्मेवारी है। क्योंकि बच्चे स्कूल जाना शुरू कर दिए है। ऐसे में बच्चों के प्रति थोड़ा भय भी बना रहता है। स्कूल भेजना भी जरूरी है क्योंकि पिछले साल पूरी तरह से बच्चे पढ़ाई नहीं कर पाए। राम कुमारी देवी ने बताया कि वह अपने बच्चों को पूरी सावधानी के साथ स्कूल भेजती हैं। मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर का प्रयोग करने के लिए भी अपने बच्चों को सलाह देती है और अन्य बच्चों से दूरी बनाने के लिए भी अपने बच्चों को सलाह देती है।
• शिवसागर उत्तरी के जिला पार्षद अनिता चौधरी कहती है कि बच्चों को स्कूल भेजने में काफी डर लग रहा है। पूरी सावधानी के साथ बच्चे को स्कूल भेज रही हैं और अपने बच्चे को सलाह देती है की लंच टाइम में किसी अन्य बच्चे के टिफिन से खाना नहीं खाएं और ना ही दूसरे के बोतल से पानी पिए। इसके लिए अपने बच्चे को अलग से सब इंतजाम करके स्कूल भेजती हैं और बच्चे को वापस आते ही पूरी तरह से हाथ और पैरों को सेनेटाइज करती हैं और प्रतिदिन कपड़े को धोती हैं।
• सासाराम शेरगंज निवासी गृहिणी सुनीता कश्यप कहती हैं कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को सुन कर उन्हें डर लगता है। क्यूंकि तीसरी लहर से बच्चें बीमार होंगे। इस लिए अपनी दोनों बच्चियों को स्कूल भेजतें समय डर लगता है क्योंकि स्कूल में सभी बच्चे आ रहे हैं। ऐसे में और डर लगता है। फिर भी वे अपने बच्चे को पुरी सावधानी के साथ स्कूल भेजती है। प्रॉपर तरीके से मास्क लगा कर और हाथ को सेनेटाइज कर के स्कूल भेजती हैं।
• नीलम देवी (गृहिणी) ने बताया की जव बच्चों का स्कूल खुला तो कुछ दिनों तक कोरोना कोरोना संक्रमण की डर से बच्चों को स्कूल नही भेजी। परन्तु जब उन्हें मालूम चला कि स्कूल प्रबंधक कोरोना संक्रमण को ले काफी सावधानी बरत रहा है तब आश्वस्त होकर अपनी बेटियों को स्कूल भेजना शुरू की। साथ ही साथ वह भी पुरी सावधानी बरतती हैं।