
डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास)। डेहरी अनुमंडल क्षेत्र के बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होने से रोक हटने के बावजूद इसे शुरू नहीं किया जा सका है। 1 अक्टूबर से इसके खनन पर लगी रोक की अवधि खत्म हो चुकी है। इसके बावजूद खनन कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस कारण बालू व्यवयाय औऱ इससे जुड़े लोगों के चेहरों में काफी मायूसी है। निर्माण कार्य पर असर पड़ने से राज मिस्त्री से लेकर मजदूरों को भूखमरी का सामना करना पड़ रहा है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पूरे जिले के बालू घाटों की दोबारा बंदोबस्ती होने जा रही है। बालू घाटों का संचालन नई बंदोबस्ती के बाद होगा। पूरे जिले में बालू खनन का कार्य इस साल के मई महीने से पूरी तरह बंद रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, रोहतास सहित आठ जिलों में घाटों की नीलामी प्रक्रिया 8 अक्टूबर से शुरू होगी. कैबिनेट से इसकी स्वीकृति मिलने के बाद यह प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ई-निविदा के माध्यम से इसकी प्रक्रिया शुरी होने जा रही है.
डेहरी अनुमंडल का इलाका बिहार में बालू खनन के कारण काफी चर्चा में रहा है। यहां के दो वरीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी अवैध खनन में संलिप्तता के आरोप में नप चुके हैं।
बताया जा रहा है कि इस पर विभागीय रोक लगाई गई है। खनन विभाग ने उत्खनन का कार्य पूर्व में कार्य कर रहे कंपनी को देने का प्रस्ताव दिया था। लेकिन कंपनी ने इससे इनकार कर दिया है। विभाग को पूरे रोहतास जिले से बालू खनन के हर दिन एक करोड़ 60 लाख रुपय के राजस्व की वसूली होती थी।
डेहरी अनुमंडल में इन बालू घाटों का हो रहा था संचालन
सोन तटीय डेहरी अनुमंडल के चकन्हा में दो घाट, मकराईन, हुरका, दरिहट आदि घाटों पर बालू घाट का संचालन होता था।
निर्माण कार्य पर हो रहा बुरा असर
बालू खनन पर रोक लगने के कारण निर्माण कार्य पर भी काफी बुरा असर पड़ा है। इस कारण सीमेंट, छड़ के व्यवसाई आर्थिक संकट झेल रहे हैं।
