नागपुर. भारतीय शिक्षण मंडल के युवा आयाम ने स्वामी विवेकानन्द की 158जयंती पर राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया. इस अवसर पर ‘मां मांगति वैचारिक योद्धा’ विषय पर विशेष व्याख्यान एवं युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया.कार्यक्रम में शिक्षण मंडल के अखिल भारतीय संगठन मंत्री मुकुल कानिटकर ने मुख्य वक़्ता के रूप में युवाओं से संवाद किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका के शिकागो में आयोजित विश्व धर्म सम्मलेन में स्वामी विवेकानंद ने भारत कीओर से सनातन हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया तथा वेदांत दर्शन का प्रसार पूरे विश्व में किया. आपने समाज के सेवाकार्य के लिए रामकृष्ण मिशन की स्थापना की. उन्होनें कहा कि तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बनासकता तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है. आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नही है.
विश्व गुरू बनाने के लिए जरूरी हैं बौद्धिक योद्धा
उन्होंने कहा कि आज हमें यदि भारत को विश्व गुरु बनाना है तो इसके लिये वैचारिक एवं बौद्धिक योद्धाओं की जरूरत है. उन्होंने कहा कि आज हमारी बौद्धिक क्षमताओं एवं बौद्धिक प्रतिभाओं का लाभ दुनिया के दुसरे देश उठा रहे हैं.
संकट के काल में भारत पूरी दुनिया को दिखाता है नई राह
उन्होंने कहा कि आज संपूर्ण विश्व भारतीय संस्कृति और संस्कारों को अपनाकर हमारा अनुसरण कर रहा है और वैश्विक नेतृत्व के रूप में उम्मीद भरी नजरों से भारत कि ओर देख रहा है. उन्होंने कहा कि संकट के काल में भारत ने संपूर्ण विश्व को नई राह दिखाई है. भारतीय संस्कृति और संस्कार विश्व में सर्वोच्च एवं सर्वश्रेष्ठ हैं. एक तरफ आज संयुक्त राष्ट्र में विश्व के 182 देश हमारा नेतृत्व स्वीकारने को आतुर हैं. वहीं दूसरी तरफ चीन और पाकिस्तान के साथ देशकी अलगावादी ताकतें हमारी सुरक्षा के लिये चुनौती हैं. हमें इन चुनौतियों से पार पाना है. उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीयशिक्षा नीति स्वामी विवेकानन्द के शिक्षा और विचारों पर तैयार की गई है. उनके ओजस्वी विचार आज भी प्रासंगिकहैं और युवाओं के कानों में गुंज रहे हैं.
11हजार से ज्यादा युवाओं ने लिया भाग
युवा आयाम के सहप्रमुख अमित रावत ने बताया कि सामाजिक माध्यमों से 11 हज़ार युवाओं की कार्यक्रम में सहभागिता रही. धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर नीता बाजपेयी ने करते हुए सभी प्रगिभागियों का आभार प्रकट किया.