विजय कुमार पाठक, नौहट्टा संवाददाता। बिहार के वन विभाग में रेंजर के तौर पर पदस्थापित बृजलाल मांझी पर वन माफियाओं ने अब तक तीन बार हमला कर दिया है। लेकिन इस काबिल ऑफिसर ने माफियाओं को सबक सीखाने का ठान लिया है। हमलों औऱ धमकियों से न डरने वाले रोहतास रेंजर मांझी लगातार छापेमारी कर रहे हैं। हमलों के बावजूद उनके हौसले और दम खम का असर भी दिख रहा है। वन माफियाओं का जंगल की संपत्ति को नुकसान करना पूरी तरह रुक गया है। रोहतास के इस वन रेंजर पर नौहट्टा थाना के बांदू गांव के पास पहला हमला हुआ था। रेंजर ने वन क्षेत्र से गिट्टी लदा ट्रैक्टर पकड़ा और इस दौरान उनकी सहायता के लिए निवर्तमान एसएचओ वहां पहुंचे थे। जबकि दूसरी बार उनपर हमले का प्रयास धनसा घाटी में हुआ था। इस दौरान उनके सहयोगियों को चोट भी लगी। लेकिन इस दौरान भी वन विभाग के अधिकारी को कामयाबी मिली। कुछ सहकर्मियों को चोट लगने के बावजूद वे वन क्षेत्र से लकड़ी जब्त करने में कामयाब हुए थे।
तुंबा में घटी थी तीसरी घटना
बता दें कि रेंजर पर तीसरी बार हमला पीकअप पकड़ने के दौरान घटी। वन विभाग के इस अधिकारी की जंगल मे लगातार सक्रियता जारी है। वे वन माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए लगातार छापेमारी कर रहे हैं।
दिखने लगा है असर
वनकर्मियों के सक्रियता का असर नौहट्टा औऱ रोहतास प्रखंड में दिखने लगा है। इस समय कैमूर की जंगलों से पत्थर व गिट्टी की ढुलाई पूरी तरह बंद हो गई है। इसके अलावा कई ग्रामीण सुखी लकड़ी बटोरने काम करते थे। उसमें भी कमी आई है। माना जाता है कि हर साल वन माफिया कैमूर की जंगलों से करोड़ों की लकड़ी की तस्करी करने में कामयाब होते हैं। लेकिन रेंजर इस गोरखधंधे पर नकेल कसने में कामयाब हुए। इससे नाराज वन माफिया उनको लगातार निशाना बनाने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे संवाददाता से बातचीत में रेंजर ने कहा कि जंगली पशुओं की सुरक्षा में किसी भी तरह की कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने कहा कि वन विभाग की संपत्ति की रक्षा करने में समाज का हर वर्ग हमारा सहयोग कर रहा है। लेकिन इसका दूरुपयोग करने का प्रयास करने वालों को किसी भी तरह की छूट नहीं मिलने जा रही है।