कांग्रेस के दिग्गज नेता के तौर पर पूराने शाहााबाद जिले में पंडित गिरिश नाराणय मिश्रा को जाना जाता था। लंबे समय तक समाज के हर वर्ग के लोगों ने उनको मान सम्मान दिया। 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी के तौर पर संतोष मिश्रा आगे बढ़े। कांग्रेस की टिकट पर करगहर सीट से उन्होंने जीत हासिल की। लेकिन शनिवार (27 फरवरी) को उनके भतीजे की हत्या की घटना के बाद रोहतास जिले की राजनीति काफी गर्म है। विधायक संतोष ने राज्य सरकार के अलावा पुलिस को भी आपराधिक घटनाओं पर आड़े हाथों लिया। घटना के बाद परसथुआं बाजार में दुकानें बंद रही। रोहतास जिले के एसपी आशीष भारती ने इस मामले की तत्काल जांच कराने और दोषियों को जेल भेजने की बात कही है। इसके बावजूद विधायक संतोष और उनके समर्थकों की नाराजगी कम नहीं हो रही है। दरअसल, इस बार के विधानसभा चुनाव के दौरान शाहाबाद और मगध इलाके से एनडीए को काफी नुकसान झेलना पड़ा। आरजेडी, कांग्रेस और वाम दलों के विधायकों को बड़ी संख्या में जीत हासिल हुई है। नीतीश सरकार के गठन के बाद बढ़ते आपराधिक घटनाओं के मामले पर विपक्षी दल लगातार हमलावर हैं। सोशल मीडिया पर इससे संबंधित पोस्ट शेयर की जा रही है औऱ सरकार से लगातार सवाल पूछा जा रहा है।
जानिए पूरा घटनाक्रम
शनिवार को संजीय मिश्रा परसथुआ बाजार से शाम को अपने घर पहुंचे थे। घर में उपर जाने के क्रम में चार अज्ञात अपराधियों ने उनपर गोलियों की बौछार की। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी दो बाइक से मौके से फरार हो गए। घटना के बाद इसकी जानकारी तत्काल पुलिस और विधायक संतोष को मिली। विधायक तुरंत घर पर पहुंचे। इस घटना के विरोध में परसथुआं बाजार की ज्यादातर दुकाने बंद रही। घटना के विधायक के समर्थकों और स्थानीय व्यपारियों में काफी नाराजगी है। जानकारी मिलने के बाद एसपी आशीष भारती ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। एसपी ने परिजनों को कहा है कि मामले में संलिप्त आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी होगी।