
डिजीटल टीम, सासाराम। सासाराम का रहने वाला 5 साल का अद्वैत ने अपनी तोतली जुबान से शिव तांडव स्तोत्र का उच्चारण कर तथा शिव तांडव मंत्र से ही पूजा अर्चना कर सबको अचंभित कर दिया है। रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र का उच्चारण बेहद कठिन माना गया है। कहते हैं कि भगवान शिव की स्तुति के लिए सबसे कठिन मंत्र ‘शिव-तांडव’ मंत्र है। जिसके उच्चारण से भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं। धार्मिक ग्रंथों में बताया गया है कि इस मंत्र का उच्चारण कर लंकापति रावण ने भगवान शिव को प्रसन्न किया था। इसी मंत्र पर भगवान शिव खुद तांडव किया करते थे। यह मंत्र काफी कठिन माना जाता है। लेकिन सासाराम के फजलगंज में रहने वाला 5 साल का अद्वैत इस मंत्र का बखूबी उच्चारण करता है। वह इस मंत्र के उच्चारण कर पूजा-अर्चना करता है। 5 साल के नन्हे-मुन्ने बच्चे की तोतली जुबान से इस मंत्र के उच्चारण से पूजा करना अद्भुत प्रतीत होता है। चुकी महाशिवरात्रि में शिव स्तुति की महत्व काफी बढ़ जाती है। ऐसे में 5 साल के इस बच्चे के जिह्वां पर साक्षात सरस्वती का वास है। जो तोतली जुबान में शिव स्तुति करते हैं। अद्वैत बताते हैं कि वह अपने पेरेंट्स से इस मंत्र को सीखा है। साथ ही मोबाइल पर यूट्यूब के माध्यम से भी उन्हें काफी मदद मिली है। वह बताते हैं कि इस मंत्र के उच्चारण कर पूजा करने से भगवान शिव काफी प्रसन्न होते हैं। धीरे-धीरे अभ्यास करने से इस मंत्र का अक्षरस: उच्चारण किया जा सकता है।
पेशे से गृहिणी अद्वैत की माता अंकिता अजीत का कहना है कि घर में पुजा पाठ के समय अद्वैत हमेशा साथ रहता है। लेकिन उसका शिव तांडव स्त्रोत सीखने का प्रयास काफी हैरान करने वाला था।
जानिए शिव तांडव स्त्रोत की महिमा
शिव तांडव स्रोत के बारे में कहा जाता है कि जब लंकापति रावण भगवान शिव के कैलाश पर्वत को ही उठाकर लंका ले जाना चाहता था, तो भगवान शिव ने रावण के अहंकार को चूर करने के लिए अपने अंगूठे से कैलाश पर्वत को दबा दिया था। जिसके बाद कैलाश पर्वत के नीचे रावण का हाथ दब गया और वह क्षमा क्षमा चिल्लाने लगा था। बाद में जब रावण का अहंकार टूटा तो उसने भगवान शिव से क्षमा प्रार्थना की तथा शिव तांडव स्त्रोत का उच्चारण कर उनकी पूजा अर्चना की थी। तभी से इस मंत्र को लंकापति रावण रचित शिव तांडव स्त्रोत्र कहा जाता है।
