केंद्र सरकार ने झारखंड-बिहार की सीमा के रोहतास जिले और गढ़वा जिले की सीमा पर सोन नदी में पंडुकां गांव के पास पुल निर्माण की स्वीकृति की। जिसके बाद दिग्गज नेताओं और उनके समर्थकों में इसकी पहल की दावेदारी बेजोड़ तरीके से शुरू हो गई है। मीडियाकर्मियों के पास बधाई संदेशों की बाढ़ आ गई। इसके अलावा सांसद, विधायक और पूर्व विधायक के समर्थक अपने अपने दावें के साथ सामने आ रहे हैं। लंबे समय से राजनीति करने वाले जनप्रतिनिधि भले ही लाख दावें करे। लेकिन राजनीतिक समझ बुझ वाले बार बार यह सवाल करते हैं राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाने वाले यहां के नेताओं ने कभी भी विकास के लिए सार्थक पहल नहीं की। माना जा सकता है काफी लंबे समय के बाद आम लोगों की यह आकांक्षा पूरी हो सकी। वैसे इसके लिए स्थानीय सांसद छेदी पासवान, विधायक मुरारी गौतम व पूर्व विधायक ललन पासवान सहित झारखंड के राजनेताओं ने काफी प्रयास किया।
अब केंद्र से स्वीकृति मिलने से क्षेत्र के लोग काफी खुश है। प्रमुख चौक चौराहे पर पंडुका पुल निर्माण व उससे होने वाले लाभ की चर्चा हो रही है। कुछ लोग स्थानीय सांसद की देन बता रहे हैं तो कुछ लोग पूर्व विधायक ललन पासवान की सांसद व विधायक को बधाई देना भी कार्यकर्ताओं ने शुरू कर दी।
साल 2010 में पहली बार उठाया गया था पुल निर्माण का मुद्दा
आम लोगों ने साल 2010 मे पंडुका पुल के निर्माण का मुद्दा उठाया था। उसके बाद साल 2014 मे बीजेपी ने चुनाव से पूर्व इसके लिए पहल करने का वादा किया था। लेकिन वादों के बावजूद निर्माण के लिए सार्थक बीजेपी ने चुनावी मुद्दा पंडुका पुल को बनाया। पुल नही बना जिसके कारण सांसद को 2019 के चुनाव में विरोध का सामना करना पड़ा। संकल्प यात्रा के दौरान सांसद ने तिलोखर में खुलासा किए कि पुल का पैसा नीतीश कुमार व सुशील मोदी ने विक्मशीला ट्रांसफर करवा दिए लेकिन पुल निर्माण का वादा भी किए। सांसद ने पुल निर्माण के लिए दर्जन भर पत्र परिवहन विभाग को भी लिखे। इधर पूर्व विधायक ललन पासवान ने पुल निर्माण मे अपनी भूमिका बता रहे थे। विरोध होने पर तिलोखर के मुखिया दारा राम को पटना ले जाकर प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा से विश्वास दिलाया था।पुल निर्माण के लिए दो बार स्वायल टेस्ट भी किया गया। बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले पुल का किसी प्रकार प्रकिया नही हुआ जिसके कारण उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
कम हो जाएगी झारखंड-बिहार और छत्तीसगढ़ की दूरी
इस पुल के निर्माण से झारखंड बिहार के अलावा मध्य प्रदेश व छतीसगढ़ की दूरी काफी कम हो । पहले झारखंड जाने के लिए लोगों को डेढ सौ किलोमीटर दूर जाना पड़ता था। लेकिन अब वो रास्ता केवल डेढ़ किलोमीटर हो जाएगा। झारखंड और बिहार की सीमावर्ती इलाके में कई दशकों से रोटी बेटी का संबंध रहा है। इसे भी बल मिलेगा। इसके अलावा सांस्कृतिक समानता वाले सोन के दोनों पाट वाले इलाकों के बीच आपसी व्यापारिक संबंध भी बढ़ेंगे।
राजनीतिक दलों के नेताओं ने दी अपने चहेतों को बधाई
भाजपा के किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष अरूण चौबे ,राजेश्वर प्रसाद ने एनडीए गठबंधन नीतीन गडकरी नीतीन नविन ललन पासवान, प्रखंड अध्यक्ष श्रीराम सिंह, प्रणव पांडेय बंदे तिवारी, चांद चौबे, गुड्डू दुबे, दारा राम ने सांसद छेदी पासवान को तो पूर्व प्रमुख रामेंद्र राम, उम्मत रसूल ने सांसद छेदी पासवान व विधायक मुरारी गौतम को बलराम सिंह, भानू मिश्रा, गुड्डू सिंह विजय सिंह बबलू पाठक आदि लोगो ने ललन पासवान को बधाई दी है।
एक अन्य खबर के अनुसार, रोहतास और नौहट्टा प्रखंड क्षेत्र के एनडीए कार्यकर्ताओं ने संयुक्त रूप से सोन नदी में बनने वाला पंडुका पुल के निर्माण की स्वीकृति के बाद प्रखंड कार्यालय परिसर में जुट कर एनडीए कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे का मुंह मीठा कराते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सांसद छेदी पासवान पूर्व विधायक ललन पासवान को बधाई दिया। एनडीए कार्यकर्ताओं ने बताया कि पुल निर्माण का राजनीति बहुत दिनों से चल रहा था लेकिन केंद्र सरकार के द्वारा निर्माण की स्वीकृति होने के बाद बिहार और झारखंड राज्य सहित उत्तर प्रदेश छत्तीसगढ़ भी लोगों को आवागमन व व्यापार के लिए सहूलियत होगी । यह वन क्षेत्र विकसित होगा।
मौके पर भाजपा प्रखंड अध्यक्ष श्री राम सिंह, जदयू प्रखंड अध्यक्ष दीपक चौबे, सांसद प्रतिनिधि प्रणव पांडे, पूर्व प्रखंड अध्यक्ष राजेश्वर प्रसाद, अरुण चौबे , मनोज वर्मा, महामंत्री पंकज पाठक, युवा मोर्चा अध्यक्ष अमित मिश्रा, तरून पांडे, उपाध्यक्ष उज्ज्वल दुबे, बिजय सिंह , बिसाल सिंह संजय गुप्ता, जनेश्वर प्रशाद, गुड्डू सिंह, जिला पार्षद मेहद्र पासवान, व्यपार मण्डल अध्यक्ष प्रदीप सिंह, दीपक गुप्ता, दिलीप तिवारी रामप्रवेश चन्द्रबनशी सिकन्दर चेरो प्रमोद चन्द्रबनशी मदन मिश्रा रामाधार सिंह महेंद्र गुप्ता उपेन्द्र बाघा शिवकुमार सिंह रामप्रताप ठाकुर कमलेश लाल सहित कई कार्यकर्ता मौजूद थे।
रिपोर्ट: विजय कुमार पाठक/बी शर्मा