राघवेंद्र सिंह, डेहरी-ऑन-सोन। देश के संविधान के निर्माता भीमराव आंबेडकर किसी एक समुदाय, जाति या वर्ग के नहीं है । आज का भारत उनके कार्यों के कारण ही एक सूत्र में पिरोया जा सका है। समाज के हर वर्ग के लोग जिनका भारतीय संविधान पर अटूट भरोसा है वे सभी अंबेडकर के लोग हैं. एक ऐसे व्यक्तित्व के प्रति पूरा राष्ट्र कृतज्ञ रहता है। लेकिन राजनीतिक दलों के नेता अपने स्वार्थ की राजनीति के कारण उनको जाति का नेता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उक्त बातें औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह ने अकोढ़ीगोला प्रखंड के बांक गांव में अंबेडकर के लोग और शिक्षा का महत्व पर सेमिनार का उद्घाटन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि राजनेताओं ने उनके नाम पर अपना सरोकार साधने का काम किया है. जबकि उनकी जाति कतई महत्वपूर्ण नहीं रही है। वरना उनके ब्राह्मण शिक्षक ने उनकी असीम प्रतिभा देखकर उनहें अपना सरनेम दिया। जबकि उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड जाने में उनको आर्थिक सहयोग देने वाले भी उनकी जाति या समुदाय के लोग नहीं थे। उन्होंने भारत के हर वर्ग के लोगों को शिक्षित बनकर आगे बढ़ने की सलाह दी थी।
सांसद ने कहा कि महर्षि वाल्मिकी ने अपनी प्रतिभा और कार्य की बदौलत भारतीय संस्कृति पर अमीट छाप छोड़ी. इस कारण ही वे भारतीय समाज के लिए आदर्श बने। इससे साफ होता है कि भारतीय संस्कृति में प्रतिभा का दमन नहीं किया जा सकता है। यह विचार गोष्ठी बांक ग्राम के एक दलित जाति के युवक राकेश कुमार के सीमा सुरक्षा बल में नियुक्ति होने पर उसके सम्मान में आयोजित की गई थी।
सांसद ने राकेश सहित उनके माता-पिता को अंग वस्त्र देकर सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि समाज में एकरूपता कायम करने के लिए ऐसे आयोजनों की जरूरत है। बगैर शिक्षा समाज में बदलाव और बराबरी की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि शिक्षा वो माध्यम है जिसको पाकर आप समाज में अपनी विशिष्ट पहचान बना सकते है।
किशोर न्याय परिषद के सदस्य संतोष उपाध्याय ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने समाज के वंचित तबके विकास के लिए सार्थक पहल की. उन्होंने कहा कि आज उनके संघर्ष की गाथा से हमे शिक्षा लेने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि भारत के अनुसुचित जाति और जनजाति को मुख्यधारा में लाने के लिए उनकी पहल का परिणाम देखने को मिल रहा है. इस कारण ही वंचित तबके के लोग आज देश के महत्वपूर्ण पदों पर आसीन है. उन्होंने दलित राजनीति पर तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि वर्तमान दलित राजनीति अंबेडकर के राजनीतिक एजेंडे से भटक गई है. उन्होंने कहा कि आंबेडकरवादी नेता सांसद औऱ विधायक बनने के लिए राजनीतिक दलों के पिछलग्गू साबित हो गए। कार्यक्रम के दौरान डेहरी अनुमंडल के कई पत्रकारों को सम्मानित किया गया। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में विशेष कार्य करने वाले लोगों को भी सम्मानित किया गया।
विचार गोष्ठी को पूर्व विधायक ई सत्यनारायण यादव, पत्रकार नरेन्द्र सिंह, पत्रकार अखिलेश कुमार, वरिष्ठ न्यूरो चिकित्सक डॉ उदय सिन्हा ,डेहरी अनुमंडल विविध संघ के पूर्व अध्यक्ष उमा शंकर पांडे उर्फ मुटुर पांडे, वकील गोपाल पासवान, अधिवक्ता और पार्षद रविशेखर, एससी एसटी के संघ के अध्यक्ष शशांक शिव शेखर, सचिव शशि कुमार, बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन रोहतास के मंत्री जनार्दन पासवान, बैंक मैनेजर रामबाबू पासवान, बिनोद पासवान, संजय पासवान ,अकोढ़ी गोला प्रखंड प्रमुख संतोष पासवान,संतोष उपाध्याय,पूर्णवासी राम ,ई नरेन्द्र प्रताप सिंह,बामसेफ के जिला संयोजक सुनील कुमार, बसपा नेत्री सोना देवी ,गौरी शंकर पासवान, रविन्द्र पासवान,संजय पासवान आदि ने अपने विचार रखे।इस सेमिनार में बड़ी संख्या में तकरीबन सभी जाति एवं वर्गों के लोगों ने हिस्सा लिया।
विचार गोष्ठी की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक मुरलीधर व संचालन रेलकर्मी,लेखक व समाजसेवी वीरेंद्र पासवान ने किया।
इस दौरान विजय कुमार, अमित कुमार, उमाशंकर प्रसाद, छोटेलाल कुमार, सुनील कुमार, आनंदी राम, शिवशंकर राम, संजीत कुमार, शिव शंशाक शेखर, प्रमोद, जनार्दन पासवान, बैंक मैनेजर लाल बाबू, मुरलीधर पासवान, प्रभा जी, नरेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में राजनीतिक दलों के नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद थे.
स्वागतकर्ता अकोढ़ीगोला प्रखंड प्रमुख संतोष पासवान जबकि अध्यक्षका शिक्षक मुरलीधर ने की। कार्यक्रम का संचालन लेखक और रेल कर्मी वीरेंद्र पासवान ने किया। इस दौरान डेहरी अनुमंडल के सभी पत्रकारों को आयोजनकर्ताओं ने सम्मानित भी किया।