डेहरी ऑन सोन। औरंगाबाद जिले में एससी युगल की शादी बौद्ध पद्धति से पूरी हुई। इस दौरान वहां पहुंचे सम सोसाइटी ऑफ इंडिया के संस्थापक गिरिजा धारी पासवान ने दोनों को भारतीय संविधान भेंट किया। उन्होंने युगल को आशीर्वाद देते हुए कहा कि भारत के दलितों को संविधान की बदौलत ही समाज में वाजिब स्थान मिला है। आंबेडकर की संघर्ष की बदौलत आज हम संघर्ष कर अपना मुकाम हासिल कर सके हैं। उन्होंने कहा कि आंबेडकर ने हमेशा कहा कि समाज में जन्म से कोई भी बड़ा या छोटा नहीं होता। इस तरह की विवाह पद्धति से ये साफ दिख रहा है कि समाज की सोच बदल रही है। गिरजाधानी पासवान ने कहा कि समाज के हर वर्ग को समान अधिकार प्राप्त हैं। इस तरह की विवाह पद्धति भारत में उस सोच के खिलाफ है जो जहां किसी खास जाति को सिर्फ जन्म के आधार पर उंचा स्थान मिलता है। पासवान ने कहा कि भारतीय परंपरा के अभिन्न हिस्सा बुद्ध धर्म ने समानता की बात की थी। उन्होंने कहा कि इसी कारण अपने लाखों अनुयायी के साथ बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर इस धर्म की दीक्षा ले चुके थे।
बौद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने आयोजित की थी शादी
औरंगाबाद जिले के एकहां गांव में इस तरह की शादी बौद्धिस्ट इंटरनेशनल नेटवर्क ने आयोजित की थी। इस दौरान धन राव के सुपुत्र विकी कुमार एवं धर्मेंद्र कुमार की सुपुत्री नैना कुमारी का विवाह बड़े ही धूमधाम से पूरा हुआ। जिसे सुमन कुमार ने संपन्न कराया। विवाह में बाबा भीमराव अंबेडकर की तैल चित्र रखकर वर वधु ने आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान एलआईसी के विकास पदाधिकारी फुल अंदर राम, गोपाल राम, अधिवक्ता रवि कुमार सहित बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।